Gut Health: अक्सर हम पेट की छोटी मोटी समस्याओं को अनदेखा कर देते हैं. गर्मियों में पेट की समस्या और ज्यादा बढ़ने लगती है. आपने देखा होगी की इस मौसम में कब्ज, दस्त, अपच जैसे मामले ज्यादा सामने आने लगते हैं. अगर गर्मियों ने इन्हें लगातार इग्नोर किया गया तो समस्या बड़ी हो सकती है. आइये ऐसे में 5 फूड आइटम के बारे में जानते हैं जिनसे आप अपने पेट की सेहत को दुरुस्त रख सकते हैं.
इंस्टाग्राम पर आयुर्वेद विशेषज्ञ दीक्षा भावसार सावलिया (@drdixa_healingsouls) ने एक पोस्ट कर इन 5 चीजों के बारे में बताया है. आइये जानें इन फूड आइटम और इनके पायदों के बारे में..
अदरक या सोंठ को आयुर्वेद में "विश्वभेषज" भी कहा जाता है. ये कई तरह के पाचन विकारों को कम करता है. इससे पाउडर, जूस, काढ़े या तेल के रूप उपयोग किया जा सकता है. मतली, मांसपेशियों में दर्द, खांसी-जुकाम, गले में खराश, सूजन से राहत के लिए ये काफी कारगर है.
अदरक में जिंजरोल और शोगोल जैसे यौगिक होते हैं जो सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव रखते हैं. इस कारण ये पाचन अच्छा करने के साथ ही आंत में सूजन को कम कर मतली से भी आराम दिलाता है.
छांछ एक डेयरी उत्पाद है. इसमें काफी मात्रा में प्रोबायोटिक्स होते हैं. ये पेट में लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ाने के साथ ही पाचन को बढ़ाता है. इतना ही नहीं इससे अतिरिक्त कफ और वात संतुलित होता है. येे सूजन, पाचन विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, भूख न लगना, एनीमिया आदि में मददगार होता है.
छाछ में लैक्टिक एसिड भी होता है, जो लैक्टोज के पाचन में आपकी मदद करता है. इसे पीने के अच्छे समय के बारे में जानकार बताते हैं कि अगर दोपहर में भोजन के साथ इसके सेवन किया जाए तो ज्यादा लाभकारी हो सकता है.
गाय का घी शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याओं के लिए मदद कर सकता है. इसकी तासीर ठंडा होता है. इस कारण वात और पित्त को कम करता है और इसे पाचन बढ़ाने के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसके नियमित सेवन से मांसपेशियों मजबूत होंगे. कई विशेषज्ञ इससे याददाश्त, चेहरे की चमक, बाल, त्वचा, प्रजनन क्षमता, प्रतिरक्षा सुधार का दावा करते हैं. गाय के दूध का घी में ब्यूटिरिक एसिड भरपूर है. इससे ये आंतों में सूजन को कम करने में मदद करता है.
मिश्री या रॉक शुगर सबसे शुद्ध रूप है. इसे बिना किसी रसायन के तैयार किया जाता है. इसका उपयोग आयुर्वेद कुछ दवाओं में स्वीटनर के रूप में होता है. ये मोटापा, ऑटोइम्यून विकार, आंत संबंधी समस्याओं से लड़ता है. सफेद चीनी के स्थान डॉक्टर मिश्री के सेवन की राय देते हैं.
Disclaimer: यहां पेट की समस्याओं को लेकर बताई गई जानकारी आयुर्वेद विशेषज्ञ दीक्षा भावसार सावलिया (@drdixa_healingsouls) के पोस्ट के अनुसार लिखी गई है. इसके चिकित्सकीय www.theindiadaily.com किसी भी तरह का दावा या पुष्टि नहीं करता है.