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रामलला के 'दर्शन' पर दो फाड़ हुए UP के विधायक; कौन जा रहा अयोध्या, किसने किया बहिष्कार?

उत्तर प्रदेश विधानसभा स्पीकर ने 6 फरवरी को सत्र के दौरान सभी विधायकों को रामलला के दर्शन कराने के लिए अयोध्या ले जाने का आह्वान किया था. इस पर सभी दलों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी हैं.

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Naresh Chaudhary
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने हाल ही बजट सत्र के दौरान सभी विधायकों को अयोध्या में राम मंदिर ले जाने और रामलला के दर्शन का आह्वान किया था. इसी के चलते कल यानी 11 फरवरी को विधायकों के अयोध्या जाने का कार्यक्रम तय है. राष्ट्रीय लोकदल सत्ताधारी विधायकों के साथ अयोध्या जाने को तैयार हैं. उधर, समाजवादी पार्टी की ओर से इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है. कह सकते हैं कि सपा ने रामलला के दर्शन कार्यक्रम से बहिष्कार किया है. कांग्रेस का रुख साफ है, लेकिन बसपा की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.  

राष्ट्रीय लोकदल ने जहां यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है, वहीं सपा ने यह कहते हुए इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है कि उनकी पार्टी के विधायक बाद में अयोध्या जाएंगे. अयोध्या जाने वाले विधायकों में भाजपा के विधायक भी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकेत दिया है कि एक विधायक के रूप में वह स्पीकर के नेतृत्व में रामलला के दर्शन करने के लिए जाएंगे. 

स्पीकर के साथ अयोध्या जाएंगे रालोद विधायक

अयोध्या जिले के प्रभारी और उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट मंत्रियों के साथ उसी दिन अयोध्या का दौरा करेंगे. गुरुवार को रालोद विधायक दल के नेता राजपाल बलियान ने कहा कि उनकी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. उन्होंने कहा कि भगवान सबका है. धर्मनिरपेक्षता का मतलब हिंदुओं को गाली देना नहीं है. इसके साथ ही राष्ट्रीय लोकदल (व्यापारी प्रकोष्ठ) के नेता रोहित अग्रवाल ने कहा कि रालोद के सभी विधायक अयोध्या जाएंगे.

इसके इतर, समाजवादी पार्टी राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल है, जबकि कांग्रेस और आरएलडी अन्य विपक्षी दल हैं. ये सभी विपक्षी दल अलग-अलग मुद्दों पर भाजपा का विरोध करते हैं. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी का कोई भी विधायक भाजपा विधायकों के साथ नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हम भविष्य में अपनी सुविधा के अनुसार अयोध्या जाएंगे. सपा नेता शिवपाल यादव भी इन विधायकों में शामिल हैं. 

शिवपाल यादव ने दोहराई 22 जनवरी का बात

सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा है कि सपा 11 फरवरी के इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होगी, क्योंकि 22 जनवरी के समारोह में विधायकों को ले जाने की उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी. शिवपाल यादव ने कहा कि अब हम विपक्ष के नेता (अखिलेश यादव) से समाजवादी पार्टी के विधायकों के लिए 'दर्शन' के लिए एक अलग दौरे की व्यवस्था करने का अनुरोध करेंगे. उधर, कांग्रेस ने पहले ही स्पीकर के नेतृत्व वाले समूह के साथ रामलला के दर्शन करने के लिए जाने का फैसला किया है. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि हां, हमें निमंत्रण मिला है. हम दर्शन के लिए अयोध्या जायेंगे. 

हालांकि इससे पहले कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने 22 जनवरी को राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होने का फैसला किया था. साथ ही इसे आरएसएस और भाजपा का कार्यक्रम बताते हुए चुनावी लाभ के लिए एक राजनीतिक परियोजना बताया था. हालांकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय राय ने 15 जनवरी को मकर संक्रांति के मौके पर सरयू स्नान करने और अयोध्या में राम लला के दर्शन करने का फैसला किया है.

बसपा ने साफ नहीं किया राम मंदिर जाने पर रुख 

बहुजन समाज पार्टी ने अभी तक इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. 6 फरवरी को विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने कहा था कि विधानसभा के सभी सदस्यों को 11 फरवरी को भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या में आमंत्रित किया गया है. उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में पार्टी नेताओं ने उन्हें अयोध्या ले जाने का अनुरोध किया था. शिवपाल सिंह यादव (वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता) ने भी कहा था कि अगर स्पीकर हमें ले जाएंगे तो हम जाएंगे. मैं आप सभी को मुख्यमंत्री की ओर से और अपनी ओर से आमंत्रित कर रहा हूं.