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Uttarakhand Weather: कुमाऊं से गढ़वाल तक बारिश का कहर! देहरादून में रेड अलर्ट जारी, स्कूल-कॉलेज बंद

उत्तराखंड में सितंबर आधा बीत चुका है, लेकिन मानसून की बारिश अभी भी जारी है. लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है. खासकर कुमाऊं मंडल में आज हल्की से मध्यम, जबकि कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है.

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Edited By: Princy Sharma
Uttarakhand Weather
Courtesy: Social Media

Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में सितंबर का आधा महीना गुजर चुका है, लेकिन मानसून की बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. राज्य के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. मौसम विभाग ने आज फिर चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट घोषित किया है. 

खासकर कुमाऊं मंडल के जिलों में आज भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं. 

इन जिलों में भारी बारिश के आसार

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक 16 सितंबर को देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत और नैनीताल जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हो सकती है. वहीं, अन्य जिलों में भी कहीं-कहीं गर्जना के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना है. चमोली , चंपावत , उधम सिंह नगर , बागेश्वर , पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने का खतरा है. भारी बारिश और तमसा नदी के उफान के कारण देहरादून में रेड अलर्ट जारी किया गया है.

स्कूलों पर भी बारिश का असर

भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए पिथौरागढ़ जिले की धारचूला, मुनस्यारी और डीडीहाट तहसीलों में आज 1 से 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखे गए हैं. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा को खतरा न हो. इसके अलावा, देहरादून में भी स्कूलों की छुट्टी का ऐलान किया है. 

मानसून बना मुसीबत, तबाही का मंजर 

हर तरफ इस बार उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है. उत्तरकाशी के धराली, चमोली के थराली, पौड़ी , टिहरी और पिथौरागढ़ जिलों में बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. कई लोगों की मौत हो चुकी है, तो कई अब भी लापता हैं. मकान , सड़कें , खेत , बाजार कुछ भी इस कहर से अछूता नहीं रहा . 

60 से ज्यादा लोग लापता

उत्तरकाशी के धराली गांव में खीरगाड़ नदी से आए जलसैलाब ने पूरे कस्बे को तबाह कर दिया . बताया जा रहा है कि इस तबाही में 60 से ज्यादा लोग लापता हैं और सैकड़ों बेघर हो चुके हैं. वहीं, रुद्रप्रयाग के छेनागाड़ में भी मलबे ने पूरा बाजार तबाह कर दिया , जहां 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं. 

सड़कों का हुआ नुकसान

बारिश से सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग PWD को हुआ है. राज्य की सैकड़ों सड़कें या तो टूट चुकी हैं या फिर पूरी तरह वॉश आउट हो गई हैं. कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट चुका है.

कुदरत का कहर

उत्तराखंड हर साल प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलता है, लेकिन इस बार मानसून की बारिश ने जो तबाही मचाई है , वह लंबे समय तक याद रखी जाएगी. शासन और प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा है , लेकिन खराब मौसम और लगातार बारिश के चलते हालात और बिगड़ते जा रहे हैं .