Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में सितंबर का आधा महीना गुजर चुका है, लेकिन मानसून की बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. राज्य के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. मौसम विभाग ने आज फिर चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट घोषित किया है.
खासकर कुमाऊं मंडल के जिलों में आज भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश के आसार हैं.
दिनांक 15.09.2025 को जारी उत्तराखंड राज्य हेतु मौसम पूर्वानुमान एवं चेतावनी pic.twitter.com/BZnf0mKLIO
— Meteorological Centre Dehradun (@mcdehradun) September 15, 2025Also Read
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मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक 16 सितंबर को देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चंपावत और नैनीताल जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हो सकती है. वहीं, अन्य जिलों में भी कहीं-कहीं गर्जना के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना है. चमोली , चंपावत , उधम सिंह नगर , बागेश्वर , पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जहां भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने का खतरा है. भारी बारिश और तमसा नदी के उफान के कारण देहरादून में रेड अलर्ट जारी किया गया है.
भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए पिथौरागढ़ जिले की धारचूला, मुनस्यारी और डीडीहाट तहसीलों में आज 1 से 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखे गए हैं. प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह फैसला लिया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा को खतरा न हो. इसके अलावा, देहरादून में भी स्कूलों की छुट्टी का ऐलान किया है.
#WATCH | Uttarakhand | Tamsa river in spate and Tapkeshwar Mahadev temple inundated as heavy rainfall lashes Dehradun.
— ANI (@ANI) September 16, 2025
Temple priest Acharya Bipin Joshi says, "The river started flowing heavily since 5 AM, the entire temple premises were submerged... This kind of situation had… pic.twitter.com/4E6PhKBM6K
हर तरफ इस बार उत्तराखंड में मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है. उत्तरकाशी के धराली, चमोली के थराली, पौड़ी , टिहरी और पिथौरागढ़ जिलों में बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. कई लोगों की मौत हो चुकी है, तो कई अब भी लापता हैं. मकान , सड़कें , खेत , बाजार कुछ भी इस कहर से अछूता नहीं रहा .
उत्तरकाशी के धराली गांव में खीरगाड़ नदी से आए जलसैलाब ने पूरे कस्बे को तबाह कर दिया . बताया जा रहा है कि इस तबाही में 60 से ज्यादा लोग लापता हैं और सैकड़ों बेघर हो चुके हैं. वहीं, रुद्रप्रयाग के छेनागाड़ में भी मलबे ने पूरा बाजार तबाह कर दिया , जहां 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं.
बारिश से सबसे अधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग PWD को हुआ है. राज्य की सैकड़ों सड़कें या तो टूट चुकी हैं या फिर पूरी तरह वॉश आउट हो गई हैं. कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट चुका है.
उत्तराखंड हर साल प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलता है, लेकिन इस बार मानसून की बारिश ने जो तबाही मचाई है , वह लंबे समय तक याद रखी जाएगी. शासन और प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुटा है , लेकिन खराब मौसम और लगातार बारिश के चलते हालात और बिगड़ते जा रहे हैं .