Uttarakhand Landslides: उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश ने चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. सोमवार को यमुनोत्री और बद्रीनाथ मार्ग पर हुए भीषण भूस्खलनों ने तीन श्रद्धालुओं की जान ले ली, जबकि एक व्यक्ति अभी भी लापता है और तीन अन्य घायल हुए हैं.
सोमवार दोपहर लगभग 4 बजे यमुनोत्री धाम से 1.5 किमी दूर नौ कैंचियों के पास अचानक भूस्खलन हो गया, जिससे अफरा-तफरी मच गई. भारी चट्टानों के गिरने से पैदल रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और कई श्रद्धालु उसमें फंस गए. SDRF और स्थानीय पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर राहत-बचाव कार्य शुरू किया. बाद में NDRF भी टीम में शामिल हुई.
मुंबई के रहने वाले रसिक को मलबे से घायल अवस्था में निकाला गया और उन्हें जानकीचट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया. उन्होंने बताया कि उनके साथ दिल्ली की एक 12 वर्षीय बच्ची भाविका और एक अन्य पुरुष श्रद्धालु भी थे जो लापता हो गए. कुछ समय बाद एक किशोरी और एक अज्ञात व्यक्ति का शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान नहीं हो सकी.
सोमवार सुबह चमोली जिले के पातालगंगा टनल के पास एक चलती कार पर गिरती चट्टानों ने कहर बरपाया. हरियाणा के फतेहाबाद से लौट रहे परिवार की 36 वर्षीय महिला शिल्पा की मौके पर मौत हो गई. उनके पति अंकित लाल (39) और 10 वर्षीय बेटी ख्वाहिश को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया.
भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पिपलकोटी के पास छह घंटे तक बंद रहा, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. दोपहर बाद मार्ग को एकतरफा यातायात के लिए खोला गया, लेकिन लगातार हो रही बारिश और गिरती चट्टानों के कारण खतरा बना हुआ है. चमोली तहसील में 93.66 मिमी बारिश दर्ज की गई है. शनिवार को गौचर और कर्णप्रयाग के बीच चाटवापीपल क्षेत्र में दो हैदराबादी पर्यटकों की मौत हो गई थी, जब उनकी बाइक पर चट्टानें गिर पड़ीं. SDRF अधिकारी ने यात्रियों से सतर्क रहने की अपील की है.