Lok sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहले दौर का मतदान 19 अप्रैल को होगा. उम्मीदवारों ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए नामांकन भरना शुरू कर दिया है. एक सीट पर एक ही नाम के दो तीन उम्मीदवारों के मैदान में होने की कहानी तो आपने कई बार सुना होगी, लेकिन आज हम आपको ऐसी कहानी बता रहे हैं, जिसमें 11 उम्मीदवार एक ही सीट से मैदान पर थे. इस चुनाव में मतदाता यह तक भूल गए थे कि उनकों जिसे वोट करना है उस प्रत्याशी का चुनाव चिह्व क्या है.
2014 के आम चुनाव में छत्तीसगढ़ की महासमुंद सीट में एक ही नाम के 11 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. इन सभी का नाम था 'चंदू लाल साहू' था. यह देखकर आम वोटर भी हैरत में पड़ गया था कि आखिर चुनाव में कितने चंदू खड़े हैं?
यह कहानी 2014 तके आम चुनाव की है. छत्तीसगढ़ की महासमुंद सीट से वरिष्ठ अजीत जोगी कांग्रेस के उम्मीदवार थे. उनका मुकाबला भाजपा के चंदू लाल साहू से था. हालांकि इस सीट पर चंदू लाल साहू नाम के दो या तीन नहीं, बल्कि 10 अन्य उम्मीदवार चुनाव में खड़े हो गए, जिसके बाद मुकालबला और भी ज्यादा रोचक हो गया और मतदाताओं में नामों और चुनाव चिह्नों के लेकर भ्रम वाली स्थिति पैदा हो गई. चंदू नाम के दस निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर गए. इनके चुनाव चिह्न गुब्बारा, सीलिंग फैन, बैट, ऑटो रिक्शा, ब्रेड, टीवी, बल्लेबाज, बेल्ट, ब्लैकबोर्ड और बॉटल थे. इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप भी लगाया था. इस चुनाव में भाजपा ने कहा कि उसके उम्मीदवार के नाम वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर कांग्रेस अजीत जोगी को फायदा पहुंचाना चाहती है.
इस चुनाव में बीजेपी मामले की शिकायत लेकर चुनाव आयोग भी पहुंची थी. पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत कर कहा था कि चंदू लाल साहू नाम के अन्य उम्मीदवारों का नामांकन खारिज कर दिया जाए. इतना ही नहीं, भाजपा ने मामले की गहराई से जांच करने की मांग भी की थी. साथ ही उसने यह भी कहा था कि अगर अजीत जोगी दोषी पाए जाते हैं तो उनकी भी उम्मीदवारी खारिज कर देनी चाहिए. भाजपा ने आरोप लगाया था कि चंदू नाम वाले सभी दस उम्मीदवारों ने एक ही दिन पर्चा दाखिल किया है. पर्चा वापसी के अंतिम दिन के बाद ये सभी उम्मीदवार अंडरग्राउंड हो गए.
2014 में महासमुंद के इस चुनाव परिणाम में अजीत जोगी को हार का सामना करना पड़ा था. काउंटिंग के दौरान अजीत जोगी ज्यादातर वक्त आगे ही रहे थे. इसके बावजूद करीब एक हजार वोटों से अजीत जोगी की हार ने उन्हें और उनके समर्थकों को हैरान कर दिया था. इसके बाद अजीत जोगी ने ईवीएम के साथ छेड़खानी का आरोप लगाते हुए फिर से जांच की मांग की थी. हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं और भाजपा के चंदूलाल साहू विजेता बन गए. सात अन्य चंदूलाल साहू नाम के उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 60 हजार वोट मिले थे.