menu-icon
India Daily
share--v1

धर्म अलग है और लिव इन कपल चाहते हैं पुलिस प्रोटक्शन? यूपी में कम रखें उम्मीद

अगर उत्तर प्रदेश में आप लिव इन में रह रहे हैं लेकिन आपके धर्म अलग-अलग हैं और आप सरकारी सुरक्षा की उम्मीद में हैं तो ये खबर आपके काम की है.

auth-image
India Daily Live
Live in Couple
Courtesy: Freewww.freepik.com

उत्तर प्रदेश में अलग-अलग धर्मों के लिव इन पार्टनर लोगों को पुलिस सुरक्षा मिलनी थोड़ी मुश्किल है. ऐसा हम नहीं, कोर्ट और पुलिस के फैसले इस ओर इशारा कर रहे हैं. अगर सहमति से भी अंतरधार्मिक प्रेमी जोड़े लिव इन में रह रहे हैं और उन्हें धमकियां मिल रही हैं, तब भी पुलिस प्रोटेक्शन का मिलना या मिलना, संदेह के घेरे में है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट उत्तर प्रदेश के एंटी कर्नवर्जन लॉ के प्रावधानों की व्याख्या किस तरह करता है, इस पर भी काफी कुछ टिका है. अब तक के आंकड़े इसी ओर इशारा कर रहे हैं. अगस्त 23 से लेकर अब तक हाई कोर्ट ने पुलिस प्रोटेक्शन की मांग वाली 12 याचिकाओं को खारिज किया है.

हाई कोर्ट ने 8 मामलों में इशारा किया कि ये उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 के तहत आपराधिक मामले हो सकते हैं. हालांकि कोर्ट में लिव इन जोड़ों ने यह दलील भी दी थी कि वे सहमति के साथ लिव इन रिलेशन में हैं.

आंकड़े ये भी बताते हैं कि कम से कम 3 मामलों में लिव इन में रहने वाले जोड़ों को पुलिस सुरक्षा दी गई थी. उन्हें कुछ शर्तों के साथ पुलिस सुरक्षा मिली थी. इनमें से दो मामले ऐसे थे जब कहा गया कि इन लोगों को अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन नए, एंटी कनवर्जन लॉ के तहत तय समय के भीतर कराना होगा.  इलाहाबाद हाई कोर्ट में इन 15 मामलों की अलग-अलग सुनवाई हुई थी. 

क्या है यूपी का लव जिहाद कानून?
यूपी में लव जिहाद को लेकर कानून बनाया गया है. योगी सरकार ने भले ही इस कानून को लव जिहाद नाम न दिया हो लेकिन यह कानून, अंतरधार्मिक रिश्तों पर कड़ी नजर रखता है. इस कानून की धारा 3 (1) कहती है, 'गलत बयानी, ताकत के दम पर, अनुचित प्रभाव दिखाकर, जबरन, प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके के इस्तेमाल से अगर किसी का धर्म परिवर्तन कराया गया है तो यह अपराध है. इस धारा के स्पष्टीकरण में यह भी बताया गया है कि विवाह के संबंध में धर्मांतरण को भी अवैध धर्मांतरण ही माना जाएगा.