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टिकट नहीं दिया तो अखिलेश यादव को बद्दुआ देने लगा यह नेता, चिट्ठी में लिखा, 'वादा करके धोखा दिया'

MP Shyam Singh Yadav: जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है और कहा कि बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए.

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MP Shyam Singh Yadav

MP Shyam Singh Yadav wrote a letter to Akhilesh Yadav:  जौनपुर लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव को भावुक चिट्ठी लिखकर टिकट न मिलने का दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख से उन्होंने कई बार मुलाकात की. हर मुलाकात में अखिलेश यादव ने उन्हें जौनपुर से टिकट देने का आश्वासन दिया. अब जब टिकट देने की बात आई तो अखिलेश ने उनसे फोन पर बात तक नहीं की. उन्हें दुआ की जगह बद्दुआ नहीं लेनी चाहिए. 

जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा ने इस बार जेल में बंद 7 साल की सजा काट रहे पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनावी मैदान में उतारा है. वर्तमान सांसद को इस बात का पहले ही आभास हो गया था इसलिए उन्होंने अखिलेश यादव से संपर्क साधना शुरू कर दिया था. शुरुआती मुलाकात में अखिलेश ने उन्हें जौनपुर से लोकसभा देने की बात कही थी लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो सपा ने पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया. बीजेपी ने यहां से कृपा शंकर सिंह को टिकट दिया है.

अखिलेश से मुलाकात का किस्सा

सांसद श्याम सिंह यादव ने भावुक चिट्ठी में अखिलेश पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. सांसद ने अखिलेश यादव से की तीसरी मुलाकात का भी जिक्र किया. उन्होंने- जब तीसरी मुलाकात में मैंने आपसे पूछा कि क्या आपने जौनपुर से किसी और को लोकसभा टिकट देने का वादा किया है. क्योंकि वो (बाबू सिंह कुशवाहा) सभी से कहता फिर रहा है कि अध्यक्ष ने उसे चुनावी तैयारी करने को कहा है. तब आपने कहा था कि वह झूठ बोल रहा है.

'बद्दुआ नहीं लेना चाहिए थी'  

श्याम सिंह यादव ने चिट्ठी में आगे लिखा नेताजी के परिवार से इतने पुराने रिश्ते होने के बावजूद आपने वादा खिलाफी की. आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था. आपको किसी बद्दुआ नहीं लेना चाहिए थी. आपकी वजह से मैं डिप्रेशन में चला गया हूं.

7 महीनों में 5 मुलाकात  

सांसद ने यह चिट्ठी बीते 13 अप्रैल को लिखी थी. चिट्ठी में लिखा कि उन्होंने बीते 7 महीनों में अखिलेश यादव से 5 बार मुलाकात की. पहली ही मुलाकात में अखिलेश ने खुद टिकट देने की बात कही थी और हर मुलाकात के अंत में उन्होंने टिकट देने की बात दोहराई थी. लेकिन जब टिकट देने की बारी आई तो बात भी नहीं हो पाए.