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Rajasthan Religion Conversion: राजस्थान में धर्मांतरण का नया जाल! '10 लोगों को ईसाई बनाओ, वेतन पाओ', लाखों के लालच में फंस रहे गरीब परिवार

Rajasthan Religion Conversion: राजस्थान में धर्मांतरण का जाल फैल रहा है, लोगों को लालच देकर धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जा रहा है, लेकिन सख्त कानून न होने से रोकना मुश्किल हो रहा है.

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Edited By: Anvi Shukla
Rajasthan Religion Conversion
Courtesy: AI Generated

Rajasthan Religion Conversion: राजस्थान में गरीब और आदिवासी समुदायों को निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर ईसाई धर्मांतरण हो रहा है. बांसवाड़ा, डूंगरपुर, झुंझुनू, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जैसे जिलों में धर्मांतरण माफिया सक्रिय हैं. इनका टारगेट गरीब, ग्रामीण और आर्थिक रूप से पिछड़े लोग हैं. इन्हें मासिक वेतन, राशन, कपड़े और घर तक देने का लालच दिया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांसवाड़ा में तो बाकायदा यह ऑफर दिया जा रहा है कि यदि कोई व्यक्ति 10 लोगों को ईसाई बनाए, तो उसे हर महीने वेतन मिलेगा. वहीं अगर पूरा परिवार धर्म बदलता है, तो 3 से 8 लाख रुपये तक नकद देने की पेशकश की जा रही है. यह माफिया बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र हटाकर गले में क्रॉस पहनाते हैं और प्रार्थना सभाओं में जबरन शामिल कराते हैं.

मुफ्त ट्यूशन, किताबें और शिविरों से भी हो रहा लालच

धर्मांतरण के ये प्रयास केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं हैं. कोटा की एक छात्रा ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में आरोप लगाया कि उसे मुफ्त ट्यूशन के बदले चर्च जाने को मजबूर किया जा रहा था. जयपुर के सामोद में सिलाई मशीन के बदले धर्म सभा में शामिल होने को कहा गया. झालाना में बच्चों को मुफ्त किताबों के बहाने ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बनाया गया.

विधेयक पेश, लेकिन कानून अब तक नहीं

भजनलाल शर्मा सरकार ने फरवरी 2025 में धर्मांतरण विरोधी विधेयक विधानसभा में पेश किया था. लेकिन अभी तक यह पास नहीं हुआ है. नए विधेयक के तहत जबरन धर्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा होगी और स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले जिलाधिकारी को सूचना देना जरूरी होगा. यह विधेयक झारखंड, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों के कानूनों की तर्ज पर है.