Supreme Court Bhind Journalists: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में पुलिस पर उत्पीड़न, मारपीट और कपड़े उतरवाने के गंभीर आरोप लगाने वाले दो पत्रकारों, शशिकांत जाटव और अमरकांत सिंह चौहान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दोनों पत्रकारों की गिरफ्तारी पर दो हफ्ते की अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया है.
जाटव और चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में दावा किया कि वे रेत माफिया और पुलिस की मिलीभगत पर रिपोर्टिंग कर रहे थे, जिससे नाराज होकर पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया. उन्होंने कहा, “हमारी जान को खतरा है. हम पर कार्रवाई की जा रही है क्योंकि हमने चंबल नदी में अवैध रेत खनन का पर्दाफाश किया.”
पत्रकारों का दावा है कि 1 मई को उन्हें भिंड के एसपी असीत यादव ने चाय पीने के बहाने अपने चेंबर में बुलाया था, जहां उनके साथ शारीरिक हमला किया गया. उन्होंने कहा, “हमें बुलाकर मारा-पीटा गया और हमारे साथ बदसलूकी की गई. कई अन्य पत्रकारों को भी अंडरगारमेंट्स तक उतारकर पीटा गया.”
याचिका में बताया गया है कि 5 मई को उन्हें फिर एसपी ऑफिस बुलाया गया, जहां पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में उनसे एक वीडियो बयान रिकॉर्ड करवाया गया, जिसमें उन्हें यह कहना पड़ा कि ‘मामला सुलझ गया है’. बाद में यह वीडियो व्हाट्सएप पर वायरल कर उनकी साख को खराब करने की कोशिश की गई.
पत्रकारों ने 19 मई को दिल्ली भागकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से शिकायत की. उन्होंने कहा कि जब 28 मई को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही थी, तब भिंड पुलिस कोर्ट परिसर के बाहर तैनात थी.
28 मई को चौहान को दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मिली, लेकिन वह सिर्फ दिल्ली सीमा के भीतर लागू रहेगी. जाटव की याचिका अभी लंबित है और 14 जुलाई को उस पर सुनवाई होनी है.