रांची: झारखंड सरकार ने थैलेसीमिया, सिकल सेल और एनीमिया जैसी गंभीर बीमारियों की पहचान और उपचार के लिए राज्यव्यापी अभियान शुरू करने का फैसला किया है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों में व्यापक जांच अभियान चलाया जाए, ताकि इन बीमारियों का वास्तविक डेटा तैयार किया जा सके.
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में झारखंड को थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी अनुवांशिक बीमारियों से पूरी तरह मुक्त बनाया जा सके. इसके लिए राज्य सरकार रोगियों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कई राज्यों में थैलेसीमिया और सिकल सेल की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और वहां सटीक स्वास्थ्य डेटा मौजूद है. लेकिन झारखंड में इन बीमारियों पर ठोस आंकड़े नहीं मिल पाए हैं, जिससे इलाज और योजना बनाने में कठिनाई होती है.
इसी कमी को दूर करने के लिए अब सभी जिलों में प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाएगी. इस अभियान का उद्देश्य है कि समय रहते पहचान हो सके और लोगों को बिना किसी आर्थिक बोझ के इलाज मिल सके. सरकार ब्लड बैंकों को आधुनिक तकनीक से मजबूत कर रही है.
मंत्री ने बताया कि अब सभी जिला स्तरीय ब्लड बैंकों में हाई टेक उपकरण लगाए जा रहे हैं. इन उपकरणों में उन्नत परीक्षण मशीनें, एचआईवी जांच के आधुनिक साधन और ब्लड सेफ्टी टेक्नोलाजी के उन्नत संस्करण शामिल हैं. इन सभी सुविधाओं के उपलब्ध होने से निजी और सरकारी अस्पतालों में आने वाली तकनीकी समस्याओं में कमी आएगी और चाईबासा जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा.
इसके साथ ही रांची सदर अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट सुविधा की स्थापना की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. यह सुविधा उन मरीजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी जिनका इलाज ब्लड ट्रांसफ्यूजन या दवाओं से संभव नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि थैलेसीमिया और सिकल सेल से पीड़ित मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी, जिससे लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
मंत्री ने निजी अस्पतालों से सहयोग की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि एक विकसित और स्वस्थ झारखंड बनाने के लिए सरकारी और निजी संस्थानों का सामूहिक प्रयास जरूरी है. सरकार देशभर के अनुभवी चिकित्सकों को झारखंड से जोड़ने के लिए विशेष पहल करेगी और इसके लिए आवश्यक बजट भी उपलब्ध कराया जाएगा.