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तीन साल का इंतजार खत्म, झारखंड निकाय चुनाव को लेकर आया बड़ा अपडेट; 8 हफ्ते बाद जारी होगी अधिसूचना

झारखंड के 48 नगर निगम और निकाय चुनाव लगभग तीन साल बाद अब आयोजित होने के करीब हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने हाई कोर्ट को बताया कि आठ हफ्ते में अधिसूचना जारी होगी और 45 दिनों में चुनाव प्रक्रिया पूरी की जा सकती है.

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Edited By: Km Jaya
Municipal Elections India daily
Courtesy: Pinterest

रांची: झारखंड में लंबे समय से लंबित पड़े नगर निगम और नगर निकाय चुनाव अब जल्द होने की दिशा में बढ़ रहे हैं. राज्य के सभी 48 नगर निगमों और निकायों के चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है. लगभग तीन साल से टल रहे इन चुनावों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है. आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चुनाव की अधिसूचना आठ हफ्ते बाद जारी की जा सकती है. 

इसके साथ ही पूरे राज्य में अधूरी पड़ी स्थानीय निकाय व्यवस्था दोबारा सक्रिय होने की उम्मीद बढ़ गई है. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि चुनाव की पूरी तैयारी में कम से कम आठ सप्ताह लगेंगे. इसके बाद अधिसूचना जारी की जाएगी और 45 दिनों के भीतर पूरी चुनाव प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है. अदालत ने आयोग को उसकी प्रस्तावित टाइमलाइन पर काम करने का निर्देश दिया है. 

कब होगी अगली सुनवाई?

अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी. कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि आयोग तय समयसीमा में निकाय चुनाव संपन्न कराए और देरी न करे. राज्य सरकार की ओर से चुनाव से जुड़ी सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि ओबीसी आरक्षण सूची, जनसंख्या के डेटा और अन्य आवश्यक दस्तावेज राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दिए गए हैं.

चुनाव आयोग ने क्या बताया?

सरकार की ओर से किसी अतिरिक्त जानकारी की जरूरत नहीं है. आयोग ने भी स्वीकार किया कि सरकार ने निकाय चुनाव से जुड़ा पूरा डेटा उपलब्ध करा दिया है. अब चुनाव कराने की जिम्मेदारी आयोग की है. इन चुनावों में देरी का सबसे बड़ा कारण ओबीसी आरक्षण के 'ट्रिपल टेस्ट' की प्रक्रिया का पूरा न होना था. अप्रैल 2023 में ही राज्य के सभी नगर निकायों का कार्यकाल पूरा हो गया था. उस समय 27 अप्रैल 2023 तक नए चुनाव कराए जाने थे लेकिन ट्रिपल टेस्ट की बाधा के कारण चुनाव नहीं हो सके. 

कौन कर रहा निकायों का संचालन?

अप्रैल 2023 के बाद से सभी निकायों का संचालन सरकारी प्रशासकों द्वारा किया जा रहा है. इससे पिछले दो वर्षों से जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की भूमिका समाप्त हो गई है और स्थानीय स्तर पर विकास कार्य प्रभावित हुए हैं. अब जब सरकार ने नियमों के तहत सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी हैं और आयोग ने टाइमलाइन तय कर दी है, तो उम्मीद है कि लंबे समय से लंबित निकाय चुनाव जल्द संपन्न होंगे.