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Haryana School Closed: कल हरियाणा में स्कूलों पर लगेंगे ताले, बच्चे को तैयार करने से पहले जानिए पीछे की वजह

हरियाणा में शिक्षकों का दर्द अब गहराता जा रहा है. उनका कहना है कि अगर पढ़ाते वक्त जान का खतरा रहेगा, तो शिक्षा का माहौल कैसे सुरक्षित रहेगा? अब वक्त आ गया है जब सरकार को "टीचर प्रोटेक्शन लॉ" बनाना चाहिए, जिससे स्कूलों को सुरक्षा का कवच मिल सके.

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Edited By: Reepu Kumari
Haryana School Closed
Courtesy: Pinterest

अगर आप हरियाणा में रहते हैं और आपका बच्चा किसी निजी स्कूल में पढ़ता है, तो ध्यान दीजिए 16 जुलाई को प्रदेश के सारे प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे. कोई पढ़ाई नहीं, कोई क्लास नहीं और स्कूल के गेट पर भी ताले लटकते नजर आएंगे. इस बंद के पीछे एक बहुत ही संवेदनशील और गंभीर कारण है, जिससे पूरे राज्य के शिक्षक और स्कूल संचालक सदमे में हैं.

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने यह फैसला 10 जुलाई को हुए प्राचार्य जगबीर पानू की चाकू से हत्या के विरोध में लिया है. यह घटना प्रदेश के शिक्षा जगत को झकझोर कर रख देने वाली थी. ऐसे में 16 जुलाई को सभी स्कूल बंद रखकर एकजुटता दिखाई जाएगी और सरकार से शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की जाएगी.

क्यों रहेगा स्कूलों में ताला?

हरियाणा के 10,760 निजी स्कूल मंगलवार को पूरी तरह बंद रहेंगे. इसका फैसला हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने किया है. संघ का साफ कहना है कि जो भी स्कूल 16 जुलाई को खुलेगा, उसकी रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई की जाएगी. यह बंद केवल एक विरोध नहीं, बल्कि सुरक्षा को लेकर एक गंभीर संदेश है – कि अब शिक्षक और स्कूल प्रबंधन खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

संघ का कहना है कि भविष्य में किसी आपात स्थिति में ऐसे स्कूलों को कोई सहायता नहीं दी जाएगी, जो संघ की एकता में शामिल नहीं होंगे. एक दिन का स्कूल बंद करना छात्रों का नुकसान नहीं, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र को बचाने की कोशिश है.

शिक्षक की हत्या से फैली दहशत

10 जुलाई को करतार सिंह मेमोरियल स्कूल के प्राचार्य जगबीर पानू की चार छात्रों ने चाकू मारकर हत्या कर दी. यह घटना इतनी चौंकाने वाली थी कि पूरे राज्य में शिक्षकों में डर बैठ गया. हर कोई यही सोच रहा है कि अगर एक स्कूल में ऐसा हो सकता है, तो कल कहीं और भी हो सकता है.

इस घटना के बाद प्रदेश के स्कूलों में सुरक्षा को लेकर सवाल उठे हैं और अब शिक्षकों की एकमात्र मांग है – सुरक्षा. संघ अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने भी सरकार से गुजारिश की है कि स्कूलों के बाहर पीसीआर गश्त लगाई जाए और स्कूल प्राचार्यों को आत्मरक्षा के लिए गन लाइसेंस भी दिए जाएं.

अब सिर्फ सिखाने का नहीं, सुरक्षा का भी सवाल

हरियाणा में शिक्षकों का दर्द अब गहराता जा रहा है. उनका कहना है कि अगर पढ़ाते वक्त जान का खतरा रहेगा, तो शिक्षा का माहौल कैसे सुरक्षित रहेगा? अब वक्त आ गया है जब सरकार को "टीचर प्रोटेक्शन लॉ" बनाना चाहिए, जिससे स्कूलों को सुरक्षा का कवच मिल सके.

इस बंद के जरिए न सिर्फ एक शिक्षक की शहादत को सम्मान दिया जाएगा, बल्कि सरकार को भी यह संदेश जाएगा कि शिक्षकों की सुरक्षा कोई मामूली मांग नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ है.