दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में इस बार छात्रों की पसंद में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. जहां पहले साइंस और प्रोफेशनल कोर्सेज की तरफ ज्यादा झुकाव देखा जाता था, वहीं अब मानविकी (ह्यूमैनिटीज़) की तरफ रुझान तेजी से बढ़ा है. DU ने 14 जुलाई तक मिले छात्रों की पसंद के आंकड़े जारी किए हैं, जो यह दिखाते हैं कि लगभग 58.89% उम्मीदवारों ने ह्यूमैनिटीज़ विषयों को चुना है. कॉलेज की बात करें तो श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) और हिंदू कॉलेज इस बार भी छात्रों की टॉप चॉइस में शामिल रहे हैं.
बीकॉम (ऑनर्स) सबसे ज्यादा पसंद किया गया कोर्स रहा है, जबकि बीए प्रोग्राम्स के तहत इतिहास और राजनीति विज्ञान की जोड़ी सबसे लोकप्रिय रही है. चलिए, जानते हैं इस साल DU एडमिशन में छात्रों की क्या प्राथमिकताएं रहीं और आगे उन्हें क्या ध्यान में रखना चाहिए.
इस साल डीयू में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले 58.89% छात्रों ने मानविकी विषयों को चुना है. ये आंकड़ा यह बताता है कि अब छात्र सिर्फ इंजीनियरिंग या साइंस तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि सोचने, समझने और समाज से जुड़ने वाले विषयों की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं.
इतिहास + राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र + राजनीति विज्ञान और अंग्रेजी + अर्थशास्त्र जैसे विषयों वाले बीए प्रोग्राम सबसे ज्यादा वरीयता में रहे. अकेले इतिहास + राजनीति विज्ञान को ही 7.60 लाख से ज्यादा वरीयताएं मिली हैं, जो यह बताता है कि देश के युवा अब सिविल सेवा, शिक्षण, मीडिया और रिसर्च जैसे क्षेत्रों में भविष्य देख रहे हैं.
कॉलेज की पसंद में भी कुछ खास नाम ही छात्रों की पहली लिस्ट में शामिल रहे. SRCC को इस बार 38,795 छात्रों ने पहली वरीयता दी, जो DU में सबसे ज्यादा है. इसके बाद हिंदू कॉलेज को 31,901 और हंसराज को 15,902 छात्रों ने अपनी टॉप चॉइस बताया.
सेंट स्टीफंस और मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज भी इस सूची में शामिल हैं. यह ट्रेंड दर्शाता है कि कॉलेज की प्रतिष्ठा, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्लेसमेंट की सुविधा अब भी छात्रों की प्राथमिकता तय करने में अहम भूमिका निभाते हैं.
डीयू ने सिमुलेटेड रैंक जारी करने के बाद छात्रों को फिर से अपनी वरीयताओं को बदलने का मौका दिया है. अब छात्र 16 जुलाई रात 11:59 बजे तक अपनी प्राथमिकताओं को एडिट, री-ऑर्गनाइज़, डिलीट या नई जोड़ सकते हैं.
ध्यान देने वाली बात ये है कि केवल 'सहेजी गई प्राथमिकताओं' को ही फाइनल मेरिट और सीट आवंटन में शामिल किया जाएगा. इसलिए छात्रों को सलाह है कि सोच-समझकर प्राथमिकता दें और हर बदलाव के बाद उसे सेव करना न भूलें. ये नकली रैंक सिर्फ गाइडलाइन के लिए हैं, इनसे अंतिम एडमिशन की गारंटी नहीं है.