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India Daily

दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का संकट, खतरे के निशान के करीब पहुंचा यमुना का पानी

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 204.13 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से थोड़ा ही नीचे है. हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से 54,707 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद राजधानी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. छोड़ा गया पानी अगले 48-50 घंटों में दिल्ली पहुंचेगा.

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Edited By: Yogita Tyagi
Water crossed warning level in Yamuna

दिल्ली में एक बार फिर यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे राजधानी में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है. बुधवार को यमुना का जलस्तर 204.13 मीटर तक पहुंच गया, जो कि खतरे के स्तर 205.33 मीटर से महज थोड़ा ही नीचे है. जलस्तर में यह बढ़ोतरी हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण देखी गई है.

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, मंगलवार को हथिनीकुंड बैराज से पहली बार 50,000 क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया. रात करीब एक बजे यह आंकड़ा 54,707 क्यूसेक तक पहुंच गया, जो इस साल का उच्चतम स्तर है. माना जा रहा है कि बैराज से छोड़ा गया यह पानी अगले 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुंच सकता है, जिससे जलस्तर में और वृद्धि हो सकती है.

पुराना रेलवे पुल जलस्तर की निगरानी का केंद्र

दिल्ली में पुराने रेलवे पुल को जलस्तर की निगरानी का प्राथमिक केंद्र माना जाता है. जल शक्ति मंत्रालय की एक समिति ने कुछ वर्ष पहले यहां के लिए खतरे के स्तर को संशोधित करने की सिफारिश की थी, जिसके बाद इसे 205.33 मीटर निर्धारित किया गया.

कई इलाकों में बाढ़ का खतरा 

अगर यमुना नदी का पानी खतरे के निशान को पार करता है तो राजधानी के कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है. मजनूं का टीला, यमुना विहार, सोनिया विहार, हाथी घाट और यमुना खादर जैसे क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं. फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक चेतावनी नहीं जारी की गई है, लेकिन सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है. मौसम विभाग और संबंधित एजेंसियां स्थिति की लगातार निगरानी कर रही हैं. अगर जलस्तर में और बढ़ोतरी होती है तो प्रभावित इलाकों से लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.