Delhi News: जधानी दिल्ली में अब सरकारी आर्थिक मदद का लाभ केवल उन लोगों को मिलेगा, जो वाकई में इसके हकदार हैं. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने इसके लिए एक प्रभावी वार्षिक सत्यापन प्रक्रिया की मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य लाखों लाभार्थियों तक सहायता पहुंचाने में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाना है.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि इस अभियान के तहत सभी लाभार्थियों का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और जीवन प्रमाणपत्र तैयार किया जाएगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वास्तविक और पात्र लाभार्थियों को ही सरकारी सहायता मिले. इस पहल से न केवल फर्जी दावों को रोका जाएगा, बल्कि मृत या अयोग्य लाभार्थियों के नाम पर जारी भुगतानों को भी समाप्त किया जाएगा.
सीएम ने कहा कि जिन लाभार्थियों के लिए CSC केंद्र तक पहुंचना मुश्किल होगा, उनके लिए घर-घर सत्यापन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. सत्यापन के दौरान लाभार्थियों के आधार विवरण, मोबाइल नंबर, पता और जीवंत फोटोग्राफ इकट्ठा किए जाएंगे. इसके बाद प्रत्येक लाभार्थी को एक विशिष्ट डिजिटल पहचान पत्र जारी किया जाएगा.
इस सत्यापन अभियान का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी. CSC केंद्र पर सत्यापन का शुल्क 70 रुपए प्रति लाभार्थी होगा, जबकि घर-घर सत्यापन के लिए 100 रुपए प्रति लाभार्थी खर्च किया जाएगा. इस प्रक्रिया से हर साल लगभग 6 लाख लाभार्थियों का सत्यापन होगा, जिसके लिए 5.57 करोड़ रुपए का व्यय वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट से किया जाएगा.
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया कि यह पहल केवल आर्थिक सहायता देने तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय और पारदर्शिता को भी मजबूत करेगी. यह अभियान न केवल लाभार्थियों के अधिकार सुरक्षित करेगा, बल्कि सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता बढ़ाने में भी मदद करेगा.