Bareilly riots: बरेली में 'आई लव मुहम्मद' पोस्टर को लेकर हुई हिंसा के एक हफ्ते बाद पुलिस ने स्थिति पर सफाई दी है. पुलिस ने कहा कि पोस्टरों को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन जब भीड़ ने कानून हाथ में लिया और पत्थरबाजी की, तब कार्रवाई जरूरी हो गई.
इस घटना के बाद पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मौलाना तौकीर रजा भी शामिल हैं.
बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि 'पोस्टर हमारी चिंता नहीं थे, बल्कि अव्यवस्थित भीड़ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती थी.' उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति अपने घर, मस्जिद या ईदगाह पर 'आई लव मुहम्मद' लिखे पोस्टर लगाना चाहता है, तो यह उसका निजी धार्मिक मामला है. लेकिन ऐसे बहाने से जुलूस या मार्च निकालना और सार्वजनिक जगहों पर हंगामा करना अस्वीकार्य है. साहनी ने यह भी कहा कि बरेली में ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि पुलिस ने किसी पोस्टर को हटाया हो.
डीआईजी साहनी ने बताया कि घटना की जांच के लिए एसपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में 13 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठित की गई है. इसमें दो डिप्टी एसपी और दस इंस्पेक्टर शामिल हैं. पुलिस ने अब तक 10 FIR दर्ज की हैं, जिनमें दंगा और फर्जीवाड़े जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. उन्होंने कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता के साथ होगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा.
साहनी ने खुलासा किया कि 26 सितंबर को इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा और अन्य नेताओं ने सभा की अपील की थी. सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही प्रशासन को सूचित किया था कि नवरात्रि के दौरान भीड़ इकट्ठा होने से तनाव बढ़ सकता है. इसके बावजूद आयोजकों ने पुलिस की अपीलों को नजरअंदाज किया और एकत्र होकर नारेबाजी व पत्थरबाजी की. डीआईजी ने कहा- 'हमने उन्हें पहले ही मना किया था, लेकिन उन्होंने भीड़ जुटाकर माहौल खराब करने की कोशिश की.'
घटना के बाद प्रशासन ने एहतियातन कई सख्त कदम उठाए थे. उत्तर प्रदेश गृह सचिव गौरव दयाल ने आदेश जारी कर गुरुवार से शनिवार तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं, ताकि अफवाहें फैलने से रोकी जा सकें. बरेली शहर में भारी पुलिस बल, पीएसी और आरएएफ तैनात की गई है. डीआईजी ने बताया कि शहर में फिलहाल शांति बनी हुई है और पुलिस हालात पर लगातार नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि 'बरेली की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.'