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Delhi Air Pollution: दिवाली से पहले जहरीली हुई दिल्ली की हवा, जल्द कराई जाएगी कृत्रिम बारिश, सरकार ने की बड़ी घोषणा

Delhi Air Pollution: क्लाउड सीडिंग एक मौसम परिवर्तन तकनीक है जिसमें बादलों पर सिल्वर आयोडाइड या ड्राई आइस जैसे रसायनों का छिड़काव करके बारिश या बर्फबारी को प्रेरित किया जाता है. ये रसायन बादलों में कंडेंसेशन न्यूक्लियस के रूप में काम करते हैं, जिससे पानी की छोटी बूंदें या बर्फ के कण मिलकर बड़े हो जाते हैं और भारी होकर बरसने लगते हैं. यह तकनीक सूखे क्षेत्रों में पानी की कमी को पूरा करने, बर्फबारी बढ़ाने या वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उपयोग की जाती है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Cloud Seeding in Delhi
Courtesy: Gemini AI & Social Media

Delhi Air Pollution: दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को कहा कि अगर मौसम अनुकूल रहा, तो सरकार आने वाले दो-तीन दिनों में क्लाउड सीडिंग या कृत्रिम वर्षा कराएगी. यह घोषणा वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार जाने पर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-1) के पहले चरण के तहत प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद की गई है. 

दिवाली से ठीक एक हफ्ते पहले, 18 से 21 अक्टूबर तक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है. यह अनुमति कुछ शर्तों के साथ है, ताकि प्रदूषण नियंत्रण और लोगों की दिवाली मनाने की क्षमता के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की जा सके. क्लाउड सीडिंग, ग्रीन पटाखे (GRAP) और हरित पटाखे - ये अलग-अलग आदेश लग सकते हैं, लेकिन इनका एक ही लक्ष्य है - राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करना.

'क्लाउड सीडिंग के लिए पायलट प्रशिक्षण पूरा हो चुका है'

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि क्लाउड सीडिंग के लिए पायलट प्रशिक्षण पूरा हो चुका है. सिरसा ने कहा कि अगर आने वाले दो-तीन दिनों में मौसम अनुकूल रहा, तो आईएमडी की मंज़ूरी के साथ, सरकार तीन घंटे के भीतर इस अभ्यास के लिए तैयार हो जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सड़कों पर पुराने वाहन होने के बावजूद, इस साल ज़्यादातर दिनों तक आसमान साफ़ रहा.

तीन महीने से कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है दिल्ली सरकार

बता दें कि दिल्ली सरकार कम से कम तीन महीने से कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है. शुरुआत में 4 से 11 जुलाई के बीच क्लाउड सीडिंग कराने की योजना थी, लेकिन मानसून के दौरान, जब प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है, बारिश कराने के विचार की आलोचना हुई. हालाँकि, विशेषज्ञों के अनुसार, सीडिंग के लिए मानसूनी बादलों की ज़रूरत होती है.