Saurabh Bhardwaj on desilting: आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में नालों की डिसिल्टिंग में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने दिल्ली की भाजपा सरकार पर नालों की डिसिल्टिंग से संबंधित दस्तावेज़ नष्ट करने और भ्रष्टाचार को छिपाने का गंभीर आरोप लगाया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारद्वाज ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों को नजरअंदाज कर रही है और थर्ड पार्टी ऑडिट से भाग रही है.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने शहरी विकास मंत्री के रूप में मुख्य सचिव नरेश कुमार को नालों की डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट के लिए निर्देश दिए थे. इसके बावजूद, मुख्य सचिव कार्यालय ने उनकी आरटीआई के जवाब में दावा किया कि “ऐसा कोई पत्र प्राप्त ही नहीं हुआ.” भारद्वाज ने इसे कानूनी अपराध करार देते हुए कहा, “जिस पत्र की कॉपी मीडिया और सोशल मीडिया पर उपलब्ध है, वह मुख्य सचिव को मिला ही नहीं? यह भ्रष्टाचार को छिपाने की साजिश है.”
पिछले कई दिनों से दिल्ली में बारिश के बाद सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है. कनॉट प्लेस जैसे प्रमुख इलाकों में भी पानी भर गया. रक्षा बंधन के दिन जलभराव के कारण बहनें सड़कों पर घंटों फंसी रहीं. सौरभ भारद्वाज ने बताया, “जलभराव के कारण एक दीवार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई, जिसमें दो बच्चे, दो महिलाएं और तीन पुरुष शामिल थे. इसके अलावा, एक ढाई साल का बच्चा खुले सीवर में डूबकर मर गया. ढाई साल के बच्चे को राखी नहीं बंधी.”
भारद्वाज ने सवाल उठाया कि अगर डिसिल्टिंग पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, तो जलभराव की समस्या क्यों बनी हुई है? उन्होंने कहा, “पिछले वर्ष हाईकोर्ट ने डिसिल्टिंग की थर्ड पार्टी ऑडिट का आदेश दिया था. मैंने मुख्य सचिव नरेश कुमार और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को बार-बार पत्र लिखकर ऑडिट की मांग की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.” उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय को की गई शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने 13 जून 2024 को मुख्य सचिव को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार थर्ड पार्टी ऑडिट कराने का निर्देश दिया था. इसके बाद 14 जून को गृह मंत्रालय को शिकायत की थी. हाल ही में दाखिल आरटीआई के जवाब में मुख्य सचिव कार्यालय ने कहा, “29 जुलाई 2025 को प्राप्त आरटीआई के संदर्भ में, डायरी नंबर एम/5/2024/1752 वाला पत्र इस कार्यालय में कभी प्राप्त ही नहीं हुआ.” भारद्वाज ने इसे सरकारी दस्तावेज़ों को नष्ट करने की साजिश करार दिया.
भारद्वाज ने कहा, “यह पत्र मैंने चोरी-छिपे नहीं लिखा था. प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी गई थी. पत्र की कॉपी सोशल मीडिया और पत्रकारों के पास मौजूद है. फिर भी दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है.” उन्होंने आरोप लगाया कि यह भ्रष्टाचार को छिपाने और पूर्व मुख्य सचिव नरेश कुमार को बचाने की कोशिश है.
आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि दिल्ली सरकार इस मामले में जवाब दे. सौरभ भारद्वाज ने कहा, “हम इस आरटीआई और इसके जवाब को सार्वजनिक करेंगे. दिल्ली की जनता को हक है कि वह जाने कि सरकार क्या छिपा रही है.” उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर डिसिल्टिंग में हुए खर्च और भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं हो रही?