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India Daily

'ED भेज दी…' छापेमारी या सियासी साजिश? भूपेश बघेल के ट्वीट से राजनीतिक गलियारों में मचा कोहराम

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित घर पर छापा मारा है। यह कार्रवाई उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की गई।

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Edited By: Yogita Tyagi
Chhattisgarh Bhupesh Baghel ED Raid

छत्तीसगढ़ में जाने-माने शराब घोटाले को लेकर ED की जांच ने शुक्रवार को नया मोड़ ले लिया जब ईडी की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी की. यह कार्रवाई उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े 2,161 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर की गई है.

ईडी की यह रेड सुबह करीब 6:30 बजे शुरू हुई, जब तीन गाड़ियों में आई टीम सीआरपीएफ जवानों के साथ बघेल के घर पहुंची. भूपेश बघेल खुद उस समय भिलाई स्थित घर पर मौजूद थे. उन्होंने इस घटनाक्रम की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर देते हुए लिखा, 'ईडी आ गई.' साथ ही उन्होंने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह छापेमारी राज्य विधानसभा सत्र के अंतिम दिन की सुबह की गई, जबकि वे रायगढ़ जिले में तमनार कोयला खदानों के मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहे थे.

ED ने  चैतन्य बघेल पर लगाए ये आरोप 

ईडी के मुताबिक, चैतन्य बघेल पर आरोप है कि उन्होंने करोड़ों की आपराधिक कमाई प्राप्त की है, जो आबकारी घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है. एजेंसी का दावा है कि इस कथित घोटाले में वरिष्ठ अफसरों, नेताओं और आबकारी विभाग के अधिकारियों का एक नेटवर्क शामिल है, जिसने छत्तीसगढ़ में एक समानांतर शराब वितरण प्रणाली चलाई.

 घोटाले के दौरान हुई अवैध बिक्री 

इस घोटाले के दौरान नकली बोतलों और फर्जी होलोग्राम का उपयोग कर सरकारी शराब दुकानों के जरिए अवैध बिक्री की गई, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. मार्च 2025 में भी ईडी ने चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 30 लाख रुपये नकद, इलेक्ट्रॉनिक सामान और दस्तावेज बरामद किए गए थे.

पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी पड़े छापे

इस बार की कार्रवाई में ईडी ने बघेल परिवार के करीबी माने जाने वाले लक्ष्मी नारायण उर्फ पप्पू बंसल के ठिकानों पर भी छापे मारे हैं. उन्हें चैतन्य बघेल का सहयोगी बताया गया है. इस घटनाक्रम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, जहां एक ओर इसे जांच की दिशा में बड़ा कदम बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है.