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19 जिले येलो अलर्ट पर, 7 में बाढ़ का सता रहा डर, छत्तीसगढ़ में बारिश का तांडव, गांव बने टापू, मौत बनी बिजली!

धमतरी जिले में खेत में काम कर रही लताबाई साहू पर बिजली गिर गई, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. वहीं, प्रमोतिन निर्मलकर और ममता साहू नाम की महिलाएं भी झुलस गईं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह हादसा रुद्री थाना क्षेत्र के सोरम गांव में हुआ.

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Edited By: Reepu Kumari
Chhattisgarh Monsoon
Courtesy: Pinterest

Chhattisgarh Flood: छत्तीसगढ़ में मानसून का असर एक बार फिर तेज हो गया है. बारिश ने कुछ जिलों में तबाही मचा दी है तो कहीं बिजली गिरने से मौत का दर्दनाक मंजर भी सामने आया है. मौसम विभाग ने 19 जिलों में यलो अलर्ट जारी कर दिया है और 7 जिलों में अचानक बाढ़ की चेतावनी दी गई है. गांवों का संपर्क टूटा है और कुछ जगहें तो टापू बन गई हैं.

धमतरी में बिजली गिरने से एक महिला की जान चली गई और दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं. बलौदाबाजार में 600 लोगों वाला एक गांव पूरी तरह से पानी से घिर गया है. कई इलाकों में स्कूल बंद हैं और सड़कों पर 3 फीट तक पानी बह रहा है. अब खतरे की घंटी बज चुकी है.

बिजली बनी मौत का संदेश

धमतरी जिले में खेत में काम कर रही लताबाई साहू पर बिजली गिर गई, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. वहीं, प्रमोतिन निर्मलकर और ममता साहू नाम की महिलाएं भी झुलस गईं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह हादसा रुद्री थाना क्षेत्र के सोरम गांव में हुआ. आकाशीय बिजली की तीव्रता इतनी ज्यादा होती है कि वह कुछ ही सेकेंड में किसी की जान ले सकती है.

गांव टापू में बदला, रास्ते बंद

बलौदाबाजार के कौआडीह गांव की हालत ऐसी हो गई है जैसे कोई टापू हो. नाले उफान पर हैं, सड़कों पर 2-3 फीट तक पानी बह रहा है. गांव का मुख्य रास्ता वटगन-खरतोल मार्ग पूरी तरह से बंद हो चुका है. स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं और लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं. खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं.

बाढ़ और बारिश की दोहरी मार

मौसम विभाग ने सरगुजा, कोरिया, रायगढ़, कोरबा जैसे जिलों में अचानक बाढ़ की आशंका जताई है. बलरामपुर में सबसे ज्यादा 671.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. बस्तर का चित्रकोट वाटरफॉल अपने पूरे शबाब पर है, लेकिन यह खूबसूरती भी खतरे के साथ आ रही है. अगर बारिश का यही हाल रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं.

प्रदेश में अभी मानसून का वक्त लंबा बाकी है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. जहां एक तरफ फसल के लिए यह बारिश वरदान है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ और बिजली जैसे कहर इसे अभिशाप बना रहे हैं.