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'रोहित शर्मा को सपोर्ट करना हमारी मजबूरी...,' ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर इरफान पठान ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Rohit Sharma: रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए टेस्ट मैच से खुद को बाहर रखने का फैसला किया था. ऐसे में इसको लेकर अब इरफान पठान ने बड़ा खुलासा किया है.

Rohit Sharma
Courtesy: Social Media

Rohit Sharma: भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान ने ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान रोहित शर्मा को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि सिडनी में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के आखिरी टेस्ट से पहले रोहित के एक इंटरव्यू के दौरान उन्हें सपोर्ट करना उनकी मजबूरी थी. रोहित ने उस समय पांचवें टेस्ट से खुद को बाहर करने का फैसला किया था, जिसके बाद कई सवाल उठे थे. 

पिछले साल रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा. बांग्लादेश, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल आठ टेस्ट मैचों में उन्होंने सिर्फ 164 रन बनाए, जिसमें केवल एक अर्धशतक शामिल था. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तो उनका प्रदर्शन और भी खराब रहा, जहां तीन मैचों में उनका औसत सिर्फ 6.20 रहा.

रोहित शर्मा को टीम में नहीं मिलती जगह

इरफान ने लल्लनटॉप के एक टीजर क्लिप में साफ कहा, "रोहित शर्मा व्हाइट-बॉल क्रिकेट में शानदार खिलाड़ी हैं, लेकिन टेस्ट में उनका औसत उस साल सिर्फ 6 था. अगर वह कप्तान नहीं होते, तो उनकी टीम में जगह नहीं बनती." इरफान ने यह भी बताया कि रोहित की कप्तानी ने उन्हें टीम में बरकरार रखा वरना इतने कम स्कोर के बाद कोई और खिलाड़ी शायद बाहर हो जाता.

सिडनी टेस्ट से हटने का फैसला

सिडनी में खेले गए सीरीज के आखिरी टेस्ट में रोहित शर्मा ने हिस्सा नहीं लिया. कई लोगों ने इसे उनके ड्रॉप होने की अफवाह बताया लेकिन रोहित ने एक इंटरव्यू में साफ किया कि उन्होंने खुद ही इस टेस्ट से बाहर होने का फैसला किया था. इस इंटरव्यू के दौरान इरफान और उनकी ब्रॉडकास्टिंग टीम ने रोहित का समर्थन किया लेकिन इरफान ने अब खुलासा किया कि यह समर्थन उनकी मजबूरी थी.

मजबूरी में करना पड़ा समर्थन

इरफान ने बताया कि जब रोहित उनके चैनल पर इंटरव्यू के लिए आए, तो उनकी टीम को उनके साथ शिष्टाचार से पेश आना था. इरफान ने कहा, "जब कोई मेहमान हमारे चैनल पर आता है, तो हम उसका अपमान नहीं कर सकते. रोहित हमारे मेहमान थे इसलिए हमें उनका समर्थन करना पड़ा. लेकिन हमने यह भी कहा था कि उन्हें और मेहनत करनी चाहिए क्योंकि अगर वह कप्तान नहीं होते, तो उनकी जगह टीम में नहीं होती."