menu-icon
India Daily
share--v1

IPL Spot Fixing: चंद पैसों के लालच ने बर्बाद कर दिया इस भारतीय क्रिकेटर का करियर, झेल रहा है आजीवन बैन

IPL Spot Fixing: फिक्सिंग में फंसे टीपी सुधींद्र नाम के तेज गेंदबाज का करियर पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है.

auth-image
Bhoopendra Rai
TP Sudhindra

IPL Spot Fixing: फिक्सिंग...क्रिकेट की दुनिया को कलंक है, जिसने की खिलाड़ियों के करियर को रातों-रात बर्बाद कर दिया. इस फिक्सिंग के कलंक में एक टैलेंटेड खिलाड़ी का करियर पूरी तरह तबाह हो गया. इस खिलाड़ी का नाम टीपी सुधींद्र है, जो साल 2012 में डेक्कन चार्जर्स के लिए खेल चुके हैं. बीसीसीआई ने 14 मई साल 2012 को इस क्रिकेटर पर मैच फिक्सिंग का दोषी पाए जाने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया, जिसके बाद टीवी सुधींद्र एक तरह से गायब हो गए.

दरअसल, एक निजी टीवी चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया था कि इन्होंने आईपीएल और अन्य मैचों में धन राशि लेकर मैच में खराब प्रदर्शन करने पर सहमति जतायी थी. बीसीसीआई ने जब इस पूरे मामले की जांच को सुधींद्र को दोषी पाया गया, लिहाजा उन पर बेन की कार्रवाई की गई.

IPL में फिक्सिंग करने की बातें करते हुए पकड़े गए

टीपी सुधींद्र मीडियम पेसर थे. वे घरेलू क्रिकेट में दिल्ली, मध्य प्रदेश के लिए खेल चुके हैं. इस राइट आर्म फास्ट बॉलर को 2012 में एक निजी टीवी चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में नो बॉल फेंकने के लिए 40 हजार रुपए की डिमांड करते हुए दिखाया था, इस वीडियो में उन्हें आइपीएल व भारतीय क्रिकेट के तमाम अन्य स्तर पर आराम से फिक्सिंग करने की बातें करते हुए भी देखा गया, यही वजह है कि बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया.

घरेलू लीग के मैच में फंसे थे सुधींद्र

दरअसल, इंदौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के बैनर तले साल 2012 में मध्यप्रदेश प्रीमियर लीग टी-20 प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, जिसमें रीवा और सागर के बीच लीग मैच होना था, इस मैच को लेकर एक निजी टीवी चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें सुधींद्र ने नो गेंद फेंकने के लिए कुछ पैसों की मांग की थी. लिहाजा बीसीसीआई ने सुधींद्र के अलावा 4 अन्य खिलाड़ियों पर बैन लगाया था.

आंध्र प्रदेश में जन्मे, MP-CG से खेले

सुधींद्र वैसे तो आंध्र प्रदेश के हिंदूपुर में जन्मे थे, लेकिन वो मध्यप्रदेश के लिए घरेलू क्रिकेट खेले. फिलहाल उनका परिवार छत्तीसगढ़ के भिलाई में रहता है. ये वही सुधींद्र हैं, जो पहले तो बैटर बनना चाहते थे, लेकिन बाद में कोच के कहने पर गेंदबाजी बने. वे छत्तीसगढ़ की स्टेट टीम के लिए चुने गए. इसके बाद सुधींद्र को 2003 में एमपी अंडर -22 के लिए सिलेक्ट किया गया. फिर 2005 में एमपी की सीनियर टीम में उन्हें एंट्री मिली थी.

कैसा रहा क्रिकेट करियर

सुधींद्र ने साल 2005 में इंदौर में झारखंड के खिलाफ फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था. 27 प्रथम श्रेणी मैचों में उनके नाम 108 शिकार हैं. सुधींद्र ने 2010-11 सीजन में रणजी ट्रॉफी में 25 विकेट लिए थे, यहीं से वो चर्चा में आए थे. फिर साल 2012 में आईपीएल डेब्यू किया.