मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच पिछले सात वर्षों से कानूनी लड़ाई चल रही है. अब एक नई इंस्टाग्राम पोस्ट में हसीन जहां ने “आई लव यू” से शुरू होकर, शमी पर ‘चरित्रहीन, स्वार्थी और निर्दयी’ होने के आरोप लगाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि शमी ने उन्हें और उनकी बेटी को नुकसान पहुंचाने के लिए अपराधियों का सहारा लिया.
हसीन जहां ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट की शुरुआत तो “आई लव यू” कहकर की, लेकिन आगे बेहद गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने लिखा, “हम सात साल से कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं, आपने क्या पाया इससे? आपने अपनी खुद की फैमिली को बर्बाद कर दिया, क्योंकि आप चरित्रहीन, लालची और निर्दयी हैं” इसके साथ ही उन्होंने शमी पर हमला करते हुए कहा, “आपने हमें हर तरफ से हराने के लिए कितने अपराधियों को खरीदा? हमें मारने, बदनाम करने, परेशान करने के लिए आपने क्या कुछ नहीं किया.”
हसीन जहां ने अपने पोस्ट में लिखा कि जो पैसा उन्होंने इन सब में खर्च किया, वह अगर बेटी की पढ़ाई और भविष्य पर खर्च होता तो ज़्यादा अच्छा होता. उन्होंने कहा, “अगर वही पैसा आपने अपनी बेटी की शिक्षा, जीवन और भविष्य पर लगाया होता और मुझे एक अच्छी ज़िंदगी दी होती, तो क्या वह बेहतर नहीं होता?”
हाई कोर्ट का फैसला
गौरतलब है कि हाल ही में कलकत्ता हाई कोर्ट ने मोहम्मद शमी को उनकी पत्नी और बेटी को ₹4 लाख मासिक भरण-पोषण देने का आदेश दिया है. इसमें ₹1.5 लाख पत्नी के लिए और ₹2.5 लाख बेटी के लिए तय किया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय कुमार मुखर्जी की पीठ ने दिया. हसीन जहां ने पहले जिला सत्र न्यायालय द्वारा दिए गए उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें शमी को केवल ₹50,000 पत्नी और ₹80,000 बेटी को देने का आदेश था.
हसीन जहां ने 2018 में मोहम्मद शमी पर घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना और यहां तक कि मैच फिक्सिंग जैसे आरोप लगाए थे. उन्होंने यह भी दावा किया था कि शमी ने एक पाकिस्तानी महिला से पैसे लिए थे और परिवार के खर्च के लिए उन्हें पैसा देना बंद कर दिया था.
गौरतलब है कि हसीन जहां शादी से पहले मॉडल थीं और कोलकाता नाइट राइडर्स की चीयरलीडर भी रह चुकी हैं. उनकी शादी 2014 में हुई थी और 2015 में दोनों को एक बेटी हुई थी. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान हसीन जहां के वकील ने बताया कि शमी की सालाना आय लगभग ₹7.19 करोड़ है, जो कि ₹60 लाख मासिक के करीब बैठती है. इस आधार पर उन्होंने अधिक भरण-पोषण की मांग की थी.