भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला 31 जुलाई से 4 अगस्त 2025 तक लंदन के ऐतिहासिक केनिंग्टन ओवल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. शुभमन गिल की अगुवाई वाली भारतीय टीम इस सीरीज में 2-1 से पीछे चल रही है और चौथा टेस्ट मैनचेस्टर में ड्रॉ होने के बाद अब द ओवल में जीत दर्ज करना भारत के लिए बेहद जरूरी है. एक जीत के साथ भारत सीरीज को 2-2 की बराबरी पर खत्म कर सकता है. हालांकि, द ओवल में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड ज्यादा उत्साहजनक नहीं रहा है, जिसके कारण यह मुकाबला और भी चुनौतीपूर्ण होने वाला है.
लंदन का केनिंग्टन ओवल क्रिकेट स्टेडियम 180 साल पुराना है और यह इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट का पहला मैदान होने का गौरव रखता है. भारत ने इस मैदान पर अपना पहला टेस्ट मैच 1936 में खेला था. तब से अब तक भारत ने द ओवल में कुल 15 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से केवल दो में जीत हासिल हुई है, जबकि छह मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. बाकी सात मैच ड्रॉ रहे हैं.
भारत की पहली जीत 1971 में आई जब अजीत वाडेकर की कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को चार विकेट से हराकर न केवल यह मैच जीता, बल्कि इंग्लैंड की सरजमीं पर अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीत का इतिहास भी रचा. दूसरी जीत 2021 में विराट कोहली की कप्तानी में मिली, जब भारत ने इंग्लैंड को 157 रनों से हराया. रोहित शर्मा ने उस मैच में अपनी पहली विदेशी सेंचुरी लगाई थी, और शार्दूल ठाकुर व उमेश यादव जैसे गेंदबाजों ने इंग्लैंड की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया था.
द ओवल भारत के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है. 2014 में भारत को यहां 94 रनों का सबसे कम स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी झेलना पड़ा, जबकि 2007 में भारत ने 664 रनों का अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया था. फिर भी, इस मैदान पर भारत की जीत का रिकॉर्ड केवल 13.33% है, जो दर्शाता है कि यह मैदान भारतीय टीम के लिए कितना मुश्किल रहा है.