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India Daily

ENG vs IND: हेडिंग्ले टेस्ट के तीसरे दिन काली पट्टी बांधकर मैदान पर क्यों उतरे भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ी, जानें कारण

ENG vs IND: हेडिंग्ले में भारत और इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट मैच का आज तीसरा दिन है. इस मौके पर दोनों टीमों के खिलाड़ी हाथ पर काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरे.

ENG vs IND
Courtesy: @BCCI

ENG vs IND: लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट के तीसरे दिन (22 जून 2025) का खेल एक भावुक पल के साथ शुरू हुआ. दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने काली पट्टी बांधकर मैदान पर कदम रखा और खेल शुरू होने से पहले एक मिनट का तालियों वाला श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया. यह सब पूर्व इंग्लिश तेज गेंदबाज डेविड ‘सिड’ लॉरेंस की याद में किया गया, जिनका हाल ही में निधन हो गया था. 

भारत और इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने तीसरे दिन काली पट्टी बांधकर डेविड लॉरेंस को सम्मान दिया. बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दोनों टीमें पूर्व इंग्लैंड क्रिकेटर डेविड ‘सिड’ लॉरेंस, जिनका दुखद निधन हो गया, को श्रद्धांजलि देने के लिए काली पट्टी बांध रही हैं. तीसरे दिन खेल शुरू होने से पहले तालियों के साथ एक मिनट की श्रद्धांजलि दी गई.” इस भावुक पल में दोनों टीमें एकजुट होकर लॉरेंस के योगदान को याद करती नजर आईं.

लॉरेंस का शानदार क्रिकेट करियर

डेविड ‘सिड’ लॉरेंस का जन्म 1964 में ग्लॉस्टरशायर में हुआ था. उन्होंने 1988 में इंग्लैंड के लिए टेस्ट डेब्यू किया और अपने करियर में पांच टेस्ट और एक वनडे मैच खेले. उनकी सबसे यादगार पारी 1991 में द ओवल में वेस्टइंडीज के खिलाफ थी, जहां उन्होंने 5/106 का शानदार प्रदर्शन किया. लॉरेंस अपनी तेज गति और आक्रामक गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे. हालांकि, 1992 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन टेस्ट में घुटने की गंभीर चोट ने उनके इंटरनेशनल करियर को खत्म कर दिया.

मोटर न्यूरॉन डिजीज से जंग

जून 2024 में लॉरेंस को मोटर न्यूरॉन डिजीज (एमएनडी) का पता चला, जो एक लाइलाज न्यूरोलॉजिकल बीमारी है. इस बीमारी ने उनके शरीर की मांसपेशियों को कमजोर कर दिया, लेकिन लॉरेंस ने हिम्मत नहीं हारी. अपनी आत्मकथा इन सिड्स वॉयस में उन्होंने लिखा, “जब मुझे बीमारी का पता चला, मेरा दिल धड़कने लगा और शरीर जैसे जम गया.” फिर भी, उन्होंने इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई. 2025 में उन्हें क्रिकेट और सामुदायिक सेवा के लिए एमबीई से सम्मानित किया गया और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने उन्हें ऑनरेरी लाइफ वाइस-प्रेसिडेंट बनाया.