आज से तीन दिन बाद यानी 19 जुलाई को विकी कौशल की मोस्ट अवेटेड फिल्म बैड न्यूज रिलीज होने वाली है. फिल्म की कहानी में लीड एक्ट्रेस तृप्ति डिमरी प्रेग्नेंट हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता है कि होने बच्चे का पिता कौन है. यह जानने के लिए वह अपने दोनों सेक्स पार्टनर्स का पैटरनिटी टेस्ट करवाती हैं. टेस्ट रिजल्ट्स के बाद मामला और भी पेचीदा हो जाता है. टेस्ट में पता चलता है कि एक्ट्रेस दो बच्चों को जन्म देने वाली हैं लेकिन दोनों ही बच्चे के पिता अलग-अलग हैं.
ऐसे में आपके मन में सवाल आएगा कि आखिर ये कैसे संभव है जुड़वा बच्चा होना तक ठीक था लेकिन उन बच्चों का पिता भी अलग होना आपको परेशान कर सकता है कि ये मुमकिन है. बिलकुल मुमकिन है. मेडिकल लैंग्वेज में इस रेयर कंडीशन को हेट्रोपैटर्नल सुपरफेकंडेशन कहते है. इसमें पहले से एक प्रेग्नेंट होने के बावजूद दूसरी प्रेग्नेंसी भी हो जाती है. आमतौर पर इंसानों में ऐसे मामले रेयर देखने को मिलते हैं लेकिन जानवरों में यह काफी फ्रीक्वेंट है.
बता दें कि सुपरफेटेशन एक बहुत बड़ी रेयर कंडीशन है. जब पहले से प्रेग्नेंट होने के बाद भी दूसरी प्रेगनेंसी होती है तो इसे सुपरफेटेशन कहते हैं. अगर कोई महिला प्रेग्नेंट हैं तो उसका शरीर ऐसे प्राकृतिक परिवर्तनों से गुजरता है उसके लिए एक प्रेग्नेंसी के साथ दूसरी प्रेग्नेंसी लगभग असंभव होती है. दरअसल जब किसी महिला के गर्भाशय में पहले से एक भ्रूण पहले से पल रहा होता है तो फिर से प्रेगनेंसी का चांस लगभग खत्म हो जाता है. जबकि इस रेयर कंडीशन में नई प्रेग्नेंसी शरीर की उन प्राकृतिक बाधाओं और सीमाओं को दरकिनार कर देती है.
एक गर्भ में दो भ्रूण विकसित होने का लोग ट्विन्स प्रेगनेंसी से कंफ्यूज हो जाते हैं लेकिन ये दोनों अलग कंडीशन हैं. जुड़वा बच्चों की तरह सुपरफेटेशन में भी दो भ्रूण एक ही गर्भ में पल रहे होते हैं और एक-दूसरे के साथ-साथ विकसित हो रहे होते हैं. सुपरफेटेशन होने पर भी अक्सर दोनों बच्चों का जन्म एक ही समय पर होता है. दोनों का साइकल अलग होता है. यही कारण है कि सुपरफेटेशन में दोनों भ्रूण की गर्भ आयु अलग-अलग होती है. जो भ्रूण पहले कंसीव हुआ था. वह उस भ्रूण से पहले परिपक्क हो जाएगा. दूसरा बाद में लेकिन ट्विन्स के मामले इससे अलग हैं. इसमें दोनों ही ट्विन एक साथ परिक्कव होते हैं.
सुपरफेटेशन में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि प्रेग्नेंसी के दौरान दोनों बच्चे अलग-अलग स्टेज से ग्रो कर रहे होते हैं. ऐसे में यह भी कंडीशन बन सकती है कि एक बच्चा जन्म लेने वाला हो वहीं दूसरा भ्रूण अभी तैयार भी नहीं हुआ हो. या फिर महीनों का गैप हो दोनों में. इस स्थिति में छोटे बच्चे का समय से पहले जन्म होने का खतरा ज्यादा होता है. सुपरफेटेशन में दोनों प्रेग्नेंसी अलग-अलग मेंस्ट्रुअल साइकल की होती हैं तो उनके बीच 3-4 हफ्तों का फर्क हो सकता है. ऐसे में बहुत संभावना होती है कि छोटे बच्चे का पूर्ण विकास नहीं हुआ होगा.
ऐसे में जच्चा-बच्चा दोनों को परेशानी हो सकती है. जो महिला एक से अधिक बच्चों को एक साथ जन्म देती हैं उनमें हाई ब्लड प्रेशर, यूरिन में प्रोटीन, एनीमिया जैसे और भी कुछ कॉम्प्लिकेशन होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं उन बच्चों में भी ब्रेन हेमरेज, ब्रीदिंग डिसऑर्डर, मूवमेंट और को ऑडिनेशन, वजन कम रहना जैसे कई समस्या हो सकती है. इंसानों में प्रेगनेंसी के लिए महिला का एग स्पर्म फर्टिलाइजर होता है. इसके बाद निषेचित एग महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित हो जाता है. ऐसी ही स्थिति में अगर एक और पूरी तरह से एग निषेचित होकर गर्भ में प्रत्यारोपित हो जाए तो सुपरफेटेशन की कंडीशन बन जाएगी.
हालांकि यह बहुत मुश्किल है. क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान हो रही हार्मोनल प्रक्रिया ओव्यूलेशन होने नहीं देती है. सुपरफेटेशन इतना रेयर है कि अगर कोई भी महिला पहले से ही प्रेग्नेंट है तो इंटरकोर्स करने पर फिर से प्रेग्नेंट होने की संभावना लगभग न के बराबर होती है. फिर भी इस रेयर कंडीशन से बचने है तो इसका सबसे आसान उपाय है कि प्रेग्नेंट होने के बाद इंटरकोर्स न किया जाए.