Navratri Fasting Tips: नवरात्रि का पावन पर्व आते ही व्रत की बातें शुरू हो जाती हैं, लेकिन आजकल उपवास कम, भोज ज्यादा नजर आता है. तले हुए पकौड़े, मीठी खीर और कुट्टू की पूरी से सजा थाल क्या वाकई उपवास है? विशेषज्ञों का कहना है कि हमें नवरात्रि के असली मकसद को समझना होगा. इस बार अपनी थाली को स्वस्थ और संतुलित बनाएं.
व्रत का असली मतलब
पोषण विशेषज्ञ मंजरी चंद्रा बताती हैं, 'नवरात्रि का उपवास शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का समय है, न कि खाने का उत्सव.' प्राचीन आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान कहते हैं कि उपवास पाचन तंत्र को आराम देता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है और रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है. पहले उपवास में फल, सब्जियां, मेवे और दूध जैसे हल्के खाद्य पदार्थ खाए जाते थे. लेकिन आज तली-भुनी साबूदाना वड़ा, कुट्टू की पूरी और मीठी मिठाइयां थाली में छा रही हैं.
कैलोरी का खेल
साबूदाना, जो कभी सादा कंद था, अब स्टार्च से भरपूर वड़ा बनकर थाली में आता है. कुट्टू की पूरी और आलू की सब्जी तेल में डूबकर बनती है, जो कैलोरी बढ़ाती है. एक सामान्य नवरात्रि थाली में 1,000 से ज्यादा कैलोरी हो सकती है, जो एक सामान्य व्यक्ति की दैनिक जरूरत का दो-तिहाई है. यह उपवास कम, कैलोरी बम ज्यादा है.
स्वस्थ उपवास के टिप्स
1. घर का खाना चुनें: तले हुए पकवानों की जगह भुने मखाने, फल, या दही-आधारित व्यंजन खाएं.
2. छोटी थाली: कम मात्रा में खाएं, ताकि पाचन तंत्र को आराम मिले.
3. प्राकृतिक खाएं: साबूदाना खिचड़ी की जगह उबली सब्जियां या फल लें.
4. चीनी कम करें: मिठाइयों की जगह गुड़ या शहद का इस्तेमाल करें.
नवरात्रि को बनाएं सच्चा उपवास
इस नवरात्रि, उपवास को केवल रस्म न बनाएं. स्वस्थ खान-पान अपनाकर अपने शरीर और आत्मा को शुद्ध करें. सादगी से बने व्यंजनों के साथ इस पर्व को सही मायनों में मनाएं.