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Big Beautiful Bill: क्या है विवादास्पद 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल', क्यों बना ट्रंप के लिए साख का सवाल, सीनेट में मुश्किल से करा पाए पास

अमेरिका में बिग ब्यूटीफुल बिल के जरिए ऋण सीमा को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है. ट्रेजरी सेक्रेटरी ने चेतावनी दी है कि यदि जुलाई के मध्य तक निर्णय नहीं लिया गया, तो अगस्त में अमेरिका के ऋण चूक की आशंका है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
 Donald Trump
Courtesy: Social Media

Big Beautiful Bill: बिग ब्यूटीफुल बिल अमेरिका में वित्तीय संकट से बचने के लिए एक नया विधेयक सामने आया है. इस बिल में देश की ऋण सीमा को 5 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का प्रस्ताव है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले हाउस बिल में 4 ट्रिलियन डॉलर की वृद्धि की बात कही गई थी, लेकिन सीनेट द्वारा प्रस्तुत इस नए प्रस्ताव में इसे एक ट्रिलियन डॉलर और बढ़ाया गया है.

क्या है ऋण सीमा? ऋण सीमा वह अधिकतम राशि होती है, जो अमेरिका सरकार उधार के रूप में ले सकती है, ताकि वह अपने खर्च, वेतन, सामाजिक सुरक्षा, सैन्य भुगतान और अन्य जिम्मेदारियों को पूरा कर सके. जब सरकार की खर्च सीमा इस तय सीमा तक पहुंच जाती है, तो उसे या तो नई सीमा तय करनी होती है या खर्चों में कटौती करनी पड़ती है.

आर्थिक बाजारों में अस्थिरता की संभावना

ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने चेतावनी दी है कि अगर जुलाई के मध्य तक इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया गया, तो अगस्त में अमेरिका के ऋण चूक की स्थिति पैदा हो सकती है. ऋण चूक का मतलब होगा कि अमेरिकी सरकार अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा नहीं कर पाएगी, जिससे वैश्विक आर्थिक बाजारों में भारी अस्थिरता आ सकती है.

राजनीतिक गतिरोध का खतरा

इस मुद्दे पर डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन सांसदों के बीच गहरी खींचतान देखने को मिल रही है. रिपब्लिकन पार्टी खर्चों में कटौती की मांग कर रही है, जबकि डेमोक्रेट्स का तर्क है कि ऋण सीमा बढ़ाना जरूरी है ताकि अमेरिका की आर्थिक साख को नुकसान न पहुंचे.

आर्थिक मंदी का सामना 

ट्रेजरी विभाग और आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते फैसला नहीं लिया गया, तो अमेरिका को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है, जिसकी वैश्विक कीमत चुकानी पड़ेगी.

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों पर असर

अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, उसकी ऋण सीमा से जुड़ा कोई भी फैसला अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों को प्रभावित करता है. डॉलर की स्थिति, वैश्विक व्यापार और विदेशी निवेश सभी पर इसका प्रभाव पड़ता है। इसलिए इस विधेयक को समय रहते पास करना अमेरिका ही नहीं, दुनिया की आर्थिक स्थिरता के लिए भी जरूरी है.