USA Jewish Rabbi Abraham Kapoor: अमेरिकी सरकार को मजहबी मामलों में सलाह देने वाली संस्था US कमीशन ऑन इंटरनेशनल फ्रीडम (USCIRF) का डेलिगेशन सऊदी अरब के दौरे पर गया था. डेलिगेशन के चीफ यहूदी धर्मगुरु रब्बी अब्राहम कपूर के साथ अचानक एक ऐसी घटना घटती है जिसके बाद ये डेलिगेशन वापस अमेरिका लौट आया. दरअसल, एक हेरिटेज साइट का दौरा करने गए धर्मगुरु रब्बी से सऊदी अरब के अफसरों ने टोपी उतारने को कहा. अफसर अपनी बात पर अडिग रहे जिसके बाद USCIRF के डेलिगेशन को वापस लौटना पड़ा.
सऊदी अरब की सरकार ने US कमीशन ऑन इंटरनेशनल फ्रीडम को उनके यहां आने का निमंत्रण दिया था. दरअसल, सऊदी सरकार ऑयल डिपेंडेंट इकोनॉमी से टूरिज्म डिपेंडेंट इकोनॉमी बनाना चाहती है. इसी के मद्देनजर सरकार अन्य देशों के डेलिगेशन को सऊदी अरब आने का निमंत्रण दे रही है. इस निमंत्रण के तहत USCIRF की टीम यहां पहुंची थी.
डेलिगेशन के वाइस प्रेसिडेंट फ्रेडरिक डेवी ने पूरी घटना पर विस्तार से बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि वो इस घटना के बाद अब अमेरिकी विदेश मंत्रालय से सऊदी अरब को मजहबी तौर पर संवेदनशील देशों की सूची में पहले स्थान पर रखें ताकि ऐसी घटना दोबारा से सऊदी अरब में न हो सके.
स्टेटमेंट के मुताबिक डेलिगेशन चीफ यहूदी धर्मगुरु रब्बी अब्राहम कपूर अपने सदस्यों के साथ दिरियाह हेरिटेज पहुंचे थे. इस स्थान पर कपूर से किप्पा (जो खास तरह की टोपी यहूदी पहनते हैं) उतारने को कहा. 3 मार्च को USCIRF डेलिगेशन यहां पहुंचा था.
फ्रेडरिक डेवी ने इस सऊदी में हुई घटना पर एक टीवी चैनल से कहा कि सऊदी में जाकर हमने वहां की जमीनी हकीकत देखी है. उन्हें (सऊदी अरब) दुनिया के हिसाब से चलना चाहिए. धार्मिक या मजहबी आजादी तो हर एक इंसान का बुनियादी हक है.
इस मामले पर अभी तक सऊदी सरकार की ओर से किसी प्रकार का ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है. इस मुद्दे पर जब अमेरिकी टीवी चैनल CNN पर सऊदी के विदेश मंत्रालय से US कमीशन ऑन इंटरनेशनल फ्रीडम के डेलिगेशन के साथ घटी घटना पर सऊदी सरकार का पक्ष जानना चाहा तो उनकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया.
अब सवाल ये है कि क्या इस घटना पर अमेरिकी सरकार कोई कदम उठाएगी या नहीं? क्योंकि USCIRF सिर्फ मजहबी मामलों में ही अमेरिकी सरकार को सलाह देती है. यह किसी भी प्रकार से अमेरिकी विदेश विभाग या अन्य विभाग का आधिकारिक हिस्सा नहीं है.