हाल ही में आए हिंदू, मुस्लिम जनसंख्या वाली रिपोर्ट पर हंगामा मच गया है. प्रधानमंत्री आर्थिक विकास परिषद की ओर से आई इस रिपोर्ट ने चुनावी माहौल में गर्मी बढ़ा दी है. सत्ताधारी बीजेपी के कई नेता कहने लगे हैं कि ऐसा ही रहा तो आने वाले कुछ सालों में भारत एक इस्लामिक राष्ट्र बन जाएगा. वहीं, विपक्ष ने इस डेटा के सामने आने की वजह और टाइमिंग पर भी सवाल उठाए हैं.
सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर खूब चर्चा हो रही है. कोई इसे चुनाव से जोड़कर देख रहा है तो कोई इसे जानबूझकर सार्वजनिक किया गया डेटा बता रहा है. ऐसे में आम जनता की बात जाननेन के लिए इंडिया डेली लाइव ने लोगों से बात की. जनसंख्या की बढ़ोतरी को लेकर आम लोग भी खूब चिंतित दिखे और उन्होंने कहा कि हर समुदाय के लिए आने वाले समय में यह एक परेशानी वाली बात हो सकती है.
इन आंकड़ों के मुताबिक, 1950 में भारत में हिंदू जनसंख्या 84 फीसदी थी जो 2015 तक घटकर 78 फीसदी पहुंच गई. वहीं, मुस्लिमों की आबादी 9.84 पर्सेंट से बढ़कर 14.09 प्रतिशत पहुंच गई है. मुस्लिमों के अलावा, जैन, सिख और अन्य समुदायों की जनसंख्या भी बढ़ गई है.