नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर तेहरान ने अपने बैलिस्टिक मिसाइल या परमाणु हथियार कार्यक्रम को दोबारा शुरू किया तो अमेरिका एक और बड़े सैन्य हमले का समर्थन कर सकता है. यह बयान उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फ्लोरिडा स्थित मार ए लागो एस्टेट में हुई बैठक के बाद दिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें ऐसी रिपोर्ट्स मिल रही हैं जिनसे संकेत मिलता है कि ईरान फिर से हथियार बनाने की कोशिश कर सकता है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका को पूरी जानकारी होगी कि ईरान कहां और कैसे काम कर रहा है. ट्रंप ने जून में हुए अमेरिकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जिन ठिकानों को नष्ट किया गया था, वहां गतिविधियां नहीं हो रहीं लेकिन नए ठिकानों पर नजर रखी जा रही है.
ट्रंप ने मजाकिया लहजे में लेकिन सख्त संदेश देते हुए कहा कि वह B-2 बॉम्बर की 37 घंटे की उड़ान के लिए ईंधन बर्बाद नहीं करना चाहते, लेकिन जरूरत पड़ी तो अमेरिका पीछे नहीं हटेगा. हाल के महीनों में ट्रंप ईरान के साथ संभावित परमाणु समझौते की बात भी कर चुके हैं, लेकिन ताजा बयान से साफ है कि अमेरिका किसी भी सैन्य खतरे को गंभीरता से ले रहा है.
इस बैठक में गाजा में चल रहे संघर्ष और संघर्षविराम के अगले चरण पर भी चर्चा हुई. ट्रंप ने कहा कि वह इजरायल और हमास के बीच हुए संघर्षविराम के दूसरे चरण की ओर बढ़ना चाहते हैं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय शांति सेना की तैनाती शामिल है. हालांकि इजरायल और हमास एक दूसरे पर समझौते के उल्लंघन के आरोप लगा रहे हैं.
ट्रंप ने हमास को भी सख्त चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर हमास ने हथियार नहीं डाले तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि अगर हमास ने देरी की तो हालात और खराब होंगे. इजरायल पहले ही संकेत दे चुका है कि शांतिपूर्ण तरीके से निरस्त्रीकरण नहीं होने पर वह फिर से सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ईरान के साथ टकराव नहीं चाहता लेकिन उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए है. बैठक में लेबनान में हिजबुल्लाह, गाजा में प्रशासनिक व्यवस्था और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी चर्चा हुई. ट्रंप और नेतन्याहू की इस मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका इजरायल के सुरक्षा हितों को लेकर अब भी मजबूती से उसके साथ खड़ा है.