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India Daily

'भारतीयों के वर्क परमिट रद्द करो', उस्मान हादी के छात्र समूह ने यूनुस सरकार को अल्टीमेटम जारी किया

पुलिस के बयान के तुरंत बाद, हादी के छात्र संगठन इंकलाब मोनचो ने चार सूत्री अल्टीमेटम जारी किया. मांगों में सरकार को हादी के हत्यारों के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पूरी करने के लिए 24 दिन की समय सीमा देना शामिल था.

Gyanendra Sharma
'भारतीयों के वर्क परमिट रद्द करो', उस्मान हादी के छात्र समूह ने यूनुस सरकार को अल्टीमेटम जारी किया
Courtesy: Photo-Social media

ढाका: उस्मान हादी के छात्र संगठन ने बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट को निलंबित करने की मांग की है और यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हादी की हत्या की जांच में प्रगति नहीं हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.

यह आह्वान बांग्लादेश पुलिस द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि भारत के मुखर आलोचक हादी के कथित हत्यारे भारत भाग गए हैं. रविवार को ढाका महानगर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एसएन नजरुल इस्लाम ने बताया कि संदिग्ध फैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख 12 दिसंबर के हमले के तुरंत बाद हलुआघाट सीमा पार करके भारत में दाखिल हुए. आरोप है कि सीमा पर दो भारतीय नागरिकों ने उनका स्वागत किया, जो उन्हें मेघालय ले गए और वहां से उनके साथियों के हवाले कर दिया.

पुलिस के बयान के तुरंत बाद, हादी के छात्र संगठन इंकलाब मोनचो ने चार सूत्री अल्टीमेटम जारी किया. मांगों में सरकार को हादी के हत्यारों के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पूरी करने के लिए 24 दिन की समय सीमा देना शामिल था.

समूह ने यह भी धमकी दी कि यदि संदिग्धों को 24 घंटे के भीतर वापस नहीं भेजा गया या भारत में उनके रहने के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, तो बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के वर्क परमिट रद्द कर दिए जाएंगे.

इसके अतिरिक्त, संगठन ने मांग की कि यदि भगोड़ों को वापस नहीं भेजा गया तो भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मामला दर्ज किया जाए, और हत्या में शामिल नागरिक-सैन्य खुफिया विभाग में छिपे लोगों की पहचान करके उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए.

हादी, जिनकी 13 दिसंबर को ढाका में नकाबपोश हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी और बाद में सिंगापुर में उनकी मृत्यु हो गई, पिछले वर्ष के जन आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे. उनकी मृत्यु के बाद देश भर में रोजाना विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिसमें प्रदर्शनकारी चौराहों को अवरुद्ध कर रहे हैं, कई इमारतों में आग लगा रहे हैं और भारत का पक्ष लेने वाले माने जाने वाले मीडिया संस्थानों और सांस्कृतिक संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं.

शुक्रवार से ही इंकलाब मंचो ने ढाका के शाहबाग चौराहे पर दोपहर 2 बजे से दैनिक रूप से नाकाबंदी कर रखी है. महिलाएं और बच्चे भी धरने में शामिल हो गए हैं और आयोजकों ने उनके लिए जगह की व्यवस्था की है. सिलहट और अन्य संभागीय शहरों में भी इसी तरह के प्रदर्शन देखे गए हैं.