यूनाइटेड किंगडम में साल 2024, सत्ता परिवर्तन का साल बनने जा रहा है. 15 साल से जिस कंजर्वेटिव पार्टी की ब्रिटेन में तूती बोली, उसके दुखद अंत का वक्त आ गया है. लेबर पार्टी की सरकार बनने जा रही है. ज्यादातर एग्जिट पोल इशारा कर रहे हैं कि कीर स्टार्मर ही ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री होंगे. ऋषि सुनक ने सत्ता गंवा दी है. उनका भारतीय कनेक्शन भी काम नहीं आया, जबकि लेबर पार्टी को भारतवंशियों का जमकर साथ मिला. नतीजे आने वाले हैं लेकिन यह तय है कि अब ऋषि सुनक को सत्ता में आने के लिए लंबा इंतजार करना होगा. उन्होंने यह चुनाव भले ही 6 महीने पहले करा लिया लेकिन वोटरों का साथ नहीं मिला. दक्षिणपंथी पार्टी के विदा होने का वक्त आ गया है.
साल 2019 में बोरिस जॉनसन ने कंजर्वेटिव पार्टी को शानदार जीत दिलाई थी लेकिन 2019 से लेकर 2024 के बीच 3 प्रधानमंत्री बदल गए. बोरिस जॉनसन को इस्तीफा देना पड़ा. लिज ट्रस सरकार नहीं चला पाईं और ऋषि सुनक को जनता ने विदा कर दिया. सेंटर लेफ्ट लेबर पार्टी को साल 2005 के बाद पहली बार, प्रचंड बहुमत मिलता नजर आ रहा है. जीवन के 61वें वर्ष में कीर स्टार्मर के सिर पर विजय का सेहरा बंधने वाला है. वे सबसे बड़ी पार्टी के नेता बनकर उभरे हैं. अब ऐसा लग रहा है कि उनका नया पता 10 डाउनिंग स्ट्रीट होने वाला है. ब्रिटेन के 650 निर्वाचन क्षेत्रों में 326 सीटें लेबर पार्टी जीतती नजर आ रही है. टोरिज से जनता का मोहभंग हो गया है. कई मंत्री चुनाव हार रहे हैं. ऋषि सुनक भी हारते नजर आ रहे हैं. ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार होगा जब खुद प्रधानमंत्री अपनी सीट गंवा दे.
- कीर स्टार्मर का जन्म साल 1962 को लंदन में हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई सरे के ऑक्सटेड शहर में हुई. उनके पिता टूल मेकर हैं और मां नर्स है. वे महज 16 साल के थे, जब उन्होंने यंग सोशलिस्ट पार्टी का हाथ थाम लिया. वे अच्छे एकेडमीशियन रहे है. वे लीड्स यूनिवर्सिटी से लॉ ग्रेजुएट हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलएम किया है.
- राजनीति में आने से पहले वह मानवाधिकार कार्यकर्ता थे और ऐसे मामलों की वकालत करते थे. वे एक सफल वकील थे. उन्होंने आयरलैंड पुलिस बोर्ड में मानवाधिकार सलाहकार के तौर पर सेवाएं दी हैं. साल 2002 में क्वींस काउंसल बने.
- कीर स्टार्मर 2008 से लेकर 2013 तक, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर डायरेक्टर ते. साल 2016 में ब्रेक्सिट जनमत संग्रह के दौरान उन्होंने ब्रिटेन स्ट्रॉन्गर इन यूरोप कैंपेन का समर्थन किया था. उन्होंने जेरेमी कॉर्बन के साथ दूसरे जनमत संग्रह की वकालत भी की.
- जब कॉर्बिन ने इस्तीफा दिया तब कीर स्टार्मर ने लेफ्ट मंच पर 2020 के लेबर पार्टी इलेक्शन में जीत हासिल की. उन्हें जनस्वीकृत नेता माने जाने लगा. उन्होंने खुद को कॉर्बिन की कार्यशैली से बहुत दूर रखा और पारंपरिक लेफ्ट से हटकर काम किया.
- कीर स्टार्मर समाजवाद की वकालत करते हैं, उनकी नीतियां भी इसी तरह की ही हैं. उन्हें उदार वामपंथी नेता माना जाता है जो विकास के सुधारात्मक रवैये में भरोसा रखता है.
- कीर स्टार्मर का जोर आर्थिक स्थिरता की ओर है. वे कड़े खर्च वाले नियमों के भरोसे नहीं हैं, उनका जोर अर्थव्यवस्था कोमजबूत करने का है. वे चाहते हैं कि देश में आर्थिक स्थिरता आए.
- कीर स्टार्मर ने यह नहीं कहा है कि वे राजकोष का बड़ा हिस्सा खर्च करने में व्यय करेंगे. वे कोषागार को मजबूत करेंगे और सही नीतियों को लेकर आएंगे.
- कीर स्टार्मर, अवैध प्रवास और ह्युमन ट्रैफिकिंग को खत्म करने के लिए काम करेंगे. वे नई सीमा सुरक्षा नीति बनाने वाले हैं. उन्होंने प्रवासी कोटे पर यूरोपीय संघ के साथ एक समझौता भी किया है.
- कीर स्टार्रम ग्रीन एनर्जी पर जोर दे रहे हैं. वे ग्रेट ब्रिटिश एनर्जी नाम की एक पब्लिक इलेक्ट्रिसिटी कंपनी बनाना चाहते हैं, जिस पर जनता का स्वामित्व हो.
- ब्रिटेन में लड़खड़ाते लॉ एंड ऑर्डर को भी संभालने का उन्होंने वादा किया है.
- शिक्षा प्रणाली में स्टाफिंग की कमी को दूर करने के लिए 6500 नए शिक्षकों की भर्ती करेंगे.
- कीर स्टार्मर ने वादा किया है कि वे भारत के साथ एक मजदूर रणनीतिक साझेदारी बनाएंगे. वे मुक्त व्यापार समझौता करेंगे. इजराइल को हथियारों की बिक्री रोकने पर काम करेंगे. फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता देंगे और वैश्विक शांति के लिए कड़े कदम उठाएंगे.