Donald trump: दुनिया की नजरें अलास्का के एंकोरेज पर टिकी हैं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मीटिंग होने वाली है. यह मुलाकात जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में सुबह 11:30 बजे (अलास्का समय) शुरू होगी जो भारत में रात करीब 1:00 बजे होगी. इस बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध पर चर्चा करना और संभावित समाधान तलाशना है.
बैठक से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से भारत के खिलाफ बयान दिया है. फॉक्स न्यूज रेडियो के एक साक्षात्कार में उन्होंने दावा किया कि भारत पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ ने रूस को इस मुलाकात के लिए सहमत होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ट्रंप ने कहा, हर चीज का असर होता है. भारत पर टैरिफ लगाने से रूस से तेल खरीद में कमी आई. रूस दुनिया का एक बड़ा तेल उत्पादक है और भारत उसका दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. जब आप अपना दूसरा सबसे बड़ा ग्राहक खो देते हैं और पहला भी खतरे में हो, तो यह निश्चित रूप से प्रभाव डालता है.
पुतिन के इरादों को पहले दो मिनट में ही भांप लेंगे-ट्रंप
रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से चल रहा युद्ध वैश्विक ऊर्जा और खाद्य संकट का प्रमुख कारण बना हुआ है. इस युद्ध ने न केवल यूरोप में अस्थिरता पैदा की बल्कि तेल और गैस की कीमतों में उछाल के कारण भारत जैसे देशों की अर्थव्यवस्था पर भी असर डाला. ट्रंप ने इस मुलाकात को "युद्ध को समाप्त करने का एक मौका" बताया है. उन्होंने कहा कि वह पुतिन के इरादों को "पहले दो मिनट में ही भांप लेंगे" और यदि रूस शांति के लिए गंभीर नहीं हुआ, तो "कड़े कदम" उठाए जाएंगे.
हालांकि, इस मुलाकात की राह आसान नहीं है. रूस ने हाल ही में यूक्रेन के खार्किव क्षेत्र में एक ड्रोन हमला किया, जिसमें कई नागरिक घायल हुए. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी जमीन का एक इंच भी रूस को नहीं देंगे. इस बीच यूरोपीय देश इस बैठक को लेकर सतर्क हैं और चाहते हैं कि कोई भी समझौता यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करे.
मीटिंग क्यों काफी अहम
ट्रंप और पुतिन के मीटिंग काफी अहम होने वाली है. अगर य बैठक विफल होती है तो इसका असर दुनिया पर दिखेगी.फिर रूस की मिसाइलें यूक्रेन के साथ यूरोप को भी टारगेट कर सकती हैं. जिससे महायुद्ध की आशंका बढ़ जाएगी.