Donald Trump Reciprocal Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर एक बार फिर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि आज रात से 10 से 12 देशों को टैरिफ के संबंध में चेतावनी पत्र भेजा जाएगा. यह पत्र उन देशों के लिए है, जिनके साथ अमेरिका का अभी तक कोई व्यापारिक समझौता नहीं हुआ है. ट्रंप ने किया, "मैं लेटर भेजकर बताना चाहता हूं कि आप व्यापार समझौता कर सकते हैं, नहीं तो आप पर टैरिफ लगाया जाएगा." इस पत्र में यह भी उल्लेख होगा कि प्रत्येक देश को कितना टैरिफ देना होगा. हालांकि, ट्रंप ने यह खुलासा नहीं किया कि ये पत्र किन देशों को भेजे जाएंगे.
इससे पहले, 2 अप्रैल को ट्रंप ने भारत सहित 200 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. हालांकि, इस फैसले को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसकी समयसीमा 9 जुलाई को समाप्त हो रही है. इस पत्र का संबंध उसी डेडलाइन से है. हाल ही में खबर आई थी कि भारत और अमेरिका के बीच 48 घंटे में व्यापारिक समझौता हो सकता है. लेकिन, दोनों देश कुछ क्षेत्रों में अपनी शर्तों पर सहमत नहीं हो पाए हैं. भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी कीमत पर अपनी शर्तों से समझौता नहीं करेगा.
भारत-अमेरिका डील में अड़चनें
अमेरिका भारत से कृषि उत्पादों पर टैरिफ कम करने की मांग कर रहा है ताकि भारतीय बाजार उसके लिए खुल सके. लेकिन भारत अपने कृषि क्षेत्र को नुकसान से बचाने के लिए सख्त रुख अपनाए हुए है. टैरिफ में कटौती से भारत का कृषि क्षेत्र प्रभावित हो सकता है. इसके अलावा, अमेरिका डेयरी उत्पादों पर भी टैरिफ में कमी चाहता है. भारत ने अपनी मांग रखी है कि अमेरिकी टैरिफ 10% या उससे कम हो, जबकि अमेरिका ने 26% टैरिफ की घोषणा की है. भारत अपने छोटे और मझोले उद्योगों (SME) के लिए अमेरिकी बाजार में अवसर चाहता है.
भारत का सख्त रुख
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम अमेरिका से डील करने जा रहे हैं, लेकिन अपनी शर्तों पर. हम किसी भी कीमत पर अपने देश के साथ समझौता नहीं करेंगे." दूसरी ओर, ट्रंप का दावा है कि भारत अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करने जा रहा है और अमेरिका के लिए बाजार खोल रहा है.वैश्विक व्यापार पर प्रभावट्रंप का यह कदम वैश्विक व्यापार पर बड़ा असर डाल सकता है. भारत जैसे देश, जो अपनी आर्थिक नीतियों को लेकर सजग हैं, इस चेतावनी पत्र का जवाब अपनी शर्तों के साथ दे सकते हैं. यह स्थिति वैश्विक व्यापारिक रिश्तों में नई चुनौतियां ला सकती है.