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India Daily

Video: पाकिस्तान के रहीम यार खान एयरबेस को भारतीय सेना ने कैसे किया तबाह, खुद इंडियन एयरफोर्स ने बता दिया

Video: भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के यार खान एयरबेस को किस तरह से तबाह किया इसकी जानकारी खुद इंडियन एयरफोर्श के एयर मार्शल एके भारती ने खुद बताया.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
See in Video how Indian Airforce Destroy Rahim Yar Khan airbase Air Marshal AK Bharti
Courtesy: Social Media

Video: पाकिस्तान के पंजाब स्थित रहीम यार खान एयरबेस पर भारतीय सेना द्वारा किया गया हमला न केवल तात्कालिक प्रभाव डालने वाला था, बल्कि इसने वहां के रनवे पर गहरे क्रेटर (गड्ढे) भी छोड़ दिए थे. एयर मार्शल एके भारती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस हमले की विस्तार से जानकारी दी.

एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के विभिन्न सैन्य ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिनमें रहीम यार खान एयरबेस भी शामिल था. उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद एयरबेस के रनवे पर जो गहरा क्रेटर बना, वह स्पष्ट रूप से हमारे हमले की सटीकता को दर्शाता है.

Video में देखें कैसे भारतीय वायुसेना ने तबाह किया पाकिस्तान का एयरबेस

उन्होंने कहा, "जैसा कि आप वीडियो में देख सकते हैं, हमने दुश्मन के ठिकानों को पूरी तरह से निशाना बनाया. आप सभी ने मीडिया में चल रही वीडियो और फोटोग्राफ्स के माध्यम से इन हमलों का असर देखा होगा."

एयर मार्शल भारती ने कुछ खास उदाहरणों का उल्लेख करते हुए बताया कि भारत के हमले कितने सटीक थे. उन्होंने कहा, "यहां मैं आपको दिखा रहा हूं, ये हमले हमारे निशानेबाजी की सटीकता को दर्शाते हैं. आप देख सकते हैं कि रहीम यार खान एयरबेस पर हमारे हमले के बाद रनवे पर जो क्रेटर बना है, वह इसका स्पष्ट उदाहरण है."

उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों के वीडियो वे स्वयं मीडिया से प्राप्त करते हैं, जो इस बात को प्रमाणित करते हैं कि भारतीय सेना द्वारा किए गए हमले प्रभावशाली और सटीक थे.

पाकिस्तान और भारत के बीच डीजीएमओ वार्ता

पाकिस्तान और भारत के बीच डीजीएमओ (Director General of Military Operations) स्तर की वार्ता का आयोजन भी हुआ. 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ ने एक समझौता किया था कि वे एक-दूसरे की सीमा पर गोलाबारी और हवाई घुसपैठ को रोकेंगे.

भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने यह प्रस्ताव रखा था कि दोनों देशों को आपसी संघर्ष रोकना चाहिए. इसके बाद 10 मई को 17:00 बजे से सीमा पर संघर्ष को रोकने का फैसला लिया गया था.