प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद-उल-अज़हा के पावन अवसर पर बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस और बांग्लादेश की जनता को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. 4 जून 2025 को लिखे अपने पत्र में पीएम मोदी ने इस त्योहार को बलिदान, करुणा और भाईचारे का प्रतीक बताया और दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों पर जोर दिया. इस पत्र के जवाब में यूनुस ने भी भारत के लोगों को शांति और समृद्धि की शुभकामनाएं दीं.
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में लिखा, "भारत की जनता और सरकार की ओर से, मैं बांग्लादेश की जनता और आपको ईद-उल-अज़हा की शुभकामनाएं देता हूं." उन्होंने इस त्योहार को भारत की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बताया, जिसे देश भर में लाखों मुस्लिम भाई-बहन बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं.
— Chief Adviser of the Government of Bangladesh (@ChiefAdviserGoB) June 8, 2025
मोदी ने कहा, "यह पवित्र त्योहार बलिदान, करुणा और भाईचारे जैसे शाश्वत मूल्यों को दर्शाता है, जो एक शांतिपूर्ण और समावेशी दुनिया बनाने के लिए जरूरी हैं." उन्होंने प्रोफेसर यूनुस के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की कामना भी की.
यूनुस का जवाब
6 जून 2025 को प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी के पत्र का जवाब देते हुए उनके विचारशील संदेश के लिए आभार जताया. उन्होंने लिखा, "ईद-उल-अज़हा एक ऐसा अवसर है जो समुदायों को एकजुट करता है और हमें विश्व भर के लोगों के कल्याण के लिए मिलकर काम करने की प्रेरणा देता है."
यूनुस ने भारत और बांग्लादेश के बीच आपसी सम्मान और सहयोग की भावना पर भरोसा जताया. उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि आपसी सम्मान और समझ की भावना हमारे देशों को अपने लोगों की भलाई के लिए एकसाथ काम करने के लिए प्रेरित करती रहेगी." उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी और भारत की जनता के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि की कामना की.
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों की अहमियत
यह शुभकामना संदेश ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. इसके बावजूद, भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रिश्ते मजबूत बने हुए हैं. दोनों देश क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करते हुए भी सहयोग बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा, और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में कई समझौते किए हैं. भारत बांग्लादेश को कोविड-19 वैक्सीन और मेडिकल सहायता प्रदान करने में भी अग्रणी रहा है. यह शुभकामना संदेश दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तों को और मजबूत करने का एक प्रतीक है.
ईद-उल-अज़हा का महत्व
ईद-उल-अज़हा, जिसे बकरीद भी कहा जाता है, मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह बलिदान और समर्पण का प्रतीक है, जो हजरत इब्राहिम की कहानी से जुड़ा है. भारत में इस त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, और यह विभिन्न समुदायों के बीच एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है.
पीएम मोदी ने अपने संदेश में इस बात पर जोर दिया कि यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समाज में शांति और समावेशिता को भी बढ़ावा देता है.
भविष्य की उम्मीदें
पीएम मोदी और प्रोफेसर यूनुस के बीच यह पत्राचार दोनों देशों के बीच मजबूत दोस्ती और सहयोग की भावना को दर्शाता है. दोनों नेताओं ने अपने-अपने पत्रों में एक-दूसरे के नागरिकों की भलाई और आपसी रिश्तों को और गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
जैसे-जैसे बांग्लादेश अपनी आंतरिक चुनौतियों से निपट रहा है, भारत का यह शुभकामना संदेश पड़ोसी देश के साथ एकजुटता और समर्थन का संदेश देता है. यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक बंधन को और मजबूत करता है, जो भविष्य में और गहरे होने की उम्मीद है.
ईद-उल-अजहा का यह अवसर न केवल धार्मिक उत्सव का प्रतीक है, बल्कि भारत और बांग्लादेश के बीच शांति, सहयोग और आपसी सम्मान की भावना को भी दर्शाता है.