CAA: संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से CAA को लेकर बड़ा बयान जारी किया गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वह विवादास्पद कानून के लागू करने की प्रक्रिया का बारीकी से निगरानी कर रहा है.
अमेरिका विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा "हम 11 मार्च को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की अधिसूचना को लेकर चिंतित हैं. हम बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा. धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं."
US State Department spokesperson, Matthew Miller, provides the State Department's response to CAA, The Citizenship Amendment Act, being implemented in India.#CAAImplemented #CAA #CAAImplementation #CitizenshipAmendmentAct #CitizenshipAct pic.twitter.com/a9kAzL64ft
— Diya TV (@DiyaTV) March 14, 2024
बिडेन प्रशासन का बयान अमेरिकी हिंदू समूहों द्वारा सीएए का स्वागत किये जाने के बाद सामने आया है. बीते दिनों 11 मार्च को केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया. जिससे 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया. विपक्षी दलों के विरोध के बीच भारत सरकार ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. सीएए उनकी नागरिकता की स्थिति को प्रभावित नहीं करेगा.
केंद्र सरकार की ओर से लगातार यह दलीलें दी जा रही है कि सीएए का उद्देश्य मुख्य रूप से नागरिकता देना है. इस कानून से देश में रहने वाले किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी. पाकिस्तान ने भी सीएए को लेकर सवाल उठाया है. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा "जाहिर है कानून और प्रासंगिक नियम भेदभावपूर्ण हैं क्योंकि यह लोगों के बीच उनकी आस्था के आधार पर भेदभाव करता है. ये नियम और कानून गलत धारणा पर आधारित हैं कि मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है और भारत को अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित जगह माना जा रहा है."