नई दिल्लीः मंगल ग्रह को इंसानी बंसावट के अगले केंद्र के तौर पर देखा जाता रहा है.अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA भी इंसानों को भेजने के लिए दिन रात काम कर रही है. मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन नही है जिस वजह से वहां इंसान जीवित नहीं रह सकता है. इस बीच NASA ने इस चुनौती से पार पा लिया है.
नासा के रोवर का प्रयोग
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने कहा कि उसने मंगल ग्रह के ऊपर सफलतापूर्क ऑक्सीजन तैयार करने में सफलता पा ली है. नासा का मंगल ग्रह पर परसिवरेंस रोवर चक्कर लगा रहा है. नासा ने बताया कि उसने इसी रोवर के जरिए ऑक्सीजन बनाने में सफलता प्राप्त कर ली है. नासा के इस प्रयोग के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इस ग्रह पर मानव के बसने का रास्ता भी साफ हो गया है.
दूसरे मिशन के लिए आसान होगा रास्ता
यूएस के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने माइक्रोवेव-ओवन आकार के एक डिवाइस को तैयार किया है. इसे MOXIE के तौर पर जाना जाता है. स्पेस एजेंसी ने बताया कि MOXIE को परसिवरेंस रोवर के साथ मंगल ग्रह पर भेजा गया था. इसकी मदद से ही मंगल पर मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड से ऑक्सीजन तैयार किया गया है. नासा ने कहा कि हमारे इस प्रयोग ने यहां मौजूद कार्बन डाई - ऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलने में सफलता पा ली है. यह हमारे मंगल ग्रह को लेकर भविष्य के प्रयोगों को और आसान बना देगा.
बनाई 98 फीसदी शुद्ध ऑक्सीजन
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि हमने MOXIE के जरिए 122 ग्राम ऑक्सीजन तैयार करने में सफलता पा ली है. मात्रा के तौर पर यह भले ही बेहद कम दिखती हो मगर इस डिवाइस ने हद से ज्यादा शुद्ध ऑक्सीजन को तैयार करने में सफलता पाई है. नासा ने बताया कि इस डिवाइस ने 98 फीसदी तक शुद्ध ऑक्सीजन बनाने में सफलता पाई है. उसने आगे कहा कि इसका प्रयोग सांस लेने के लिए हो सकता है. इसे ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकता है.
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