Trump-Putin Alaska Summit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अलास्का शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को ख़त्म करने के लिए एक बड़ी शर्त रखी है. पुतिन ने मांग की है कि यूक्रेन पूर्वी डोनेट्स्क इलाके से पूरी तरह हट जाए. यह मांग रूस-यूक्रेन संघर्ष में एक नया मोड़ ला सकती है. फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने ट्रम्प को बताया कि अगर उनकी मुख्य मांगें पूरी की जाती हैं, तो वह डोनेट्स्क के साथ-साथ खेरसॉन और ज़ापोरीज्जिया के दक्षिणी क्षेत्रों में अपनी सैन्य अग्रिम पंक्ति को स्थिर करने के लिए तैयार हैं. पुतिन ने यह भी साफ़ किया कि वह इन क्षेत्रों में नए हमले शुरू नहीं करेंगे.
ट्रम्प ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से फोन पर बात की. उन्होंने यूक्रेन और यूरोप से आग्रह किया कि वे मास्को के साथ युद्धविराम के प्रयासों को छोड़ दें. डोनेट्स्क क्षेत्र रूस के लिए लंबे समय से रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण रहा है. रूस पिछले एक दशक से इस क्षेत्र के बड़े हिस्से पर आंशिक नियंत्रण रखता है. वर्तमान में, रूसी सेना डोनेट्स्क के लगभग 70 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा किए हुए है, जबकि यूक्रेन का नियंत्रण क्षेत्र के पश्चिमी शहरों तक सीमित है. ये शहर कीव के सैन्य अभियानों और पूर्वी मोर्चे की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. पुतिन की मांग अगर स्वीकार की जाती है, तो रूस को डोनेट्स्क पर पूर्ण नियंत्रण मिल सकता है, जहां उसकी सेना ने पिछले साल नवंबर से युद्ध में उल्लेखनीय प्रगति की है.
पुतिन की नाटो विरोधी शर्त
पुतिन ने ट्रम्प को साफ़ किया कि संघर्ष के "मूल कारणों" को दूर करना उनकी प्राथमिकता है. उनकी मुख्य मांग है कि नाटो का पूर्व की ओर विस्तार रोका जाए और यूक्रेन को इस गठबंधन में शामिल होने से रोका जाए. पुतिन ने कहा, "अगर मूल कारणों का समाधान हो जाता है, तो मैं क्षेत्र सहित अन्य मुद्दों पर समझौता करने को तैयार हूं."
ज़ेलेंस्की का कड़ा रुख
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रूस की मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "हम रूस के साथ ज़मीन की अदला-बदली नहीं करेंगे और देश का दूसरा विभाजन नहीं होने देंगे." ज़ेलेंस्की सोमवार को वाशिंगटन में ट्रम्प से मुलाकात करने वाले हैं, जहां यह मुद्दा निश्चित रूप से चर्चा का केंद्र रहेगा.