नई दिल्लीः दुनिया में न जानें कितने लोग हैं जो किडनी ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं.समय पर ट्रासंप्लांट न हो पाने के कारण कई लोगों की मौत भी हो जाती है. इस बीच वैज्ञानिकों ने पहली बार सूअर के भ्रूण में मानव कोशिकाओं के साथ सफलतापूर्वक मानव किडनी विकसित करने में सफलता पा ली है. चीन के वैज्ञानिकों की यह सफलता किडनी ट्रांसप्लांट की दुनिया में उम्मीद की नई किरण लेकर आई है.
इस तरह से तैयार हुआ मानव किडनी
वैज्ञानिकों ने रिसर्च के दौरान सूअरों में 28 दिनों के बाद विकासशील मानव किडनी के स्ट्रक्चर और नलिका का गठन सामान्य पाया. चीन के गुआंगझू इंस्टीट्यूट बायोमेडिसिन एंड हेल्थ के रिसर्चर्स ने कहा कि ह्यूमन स्टेम सेल्स को सूअर के भ्रूण के साथ एकीकृत करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है. वैज्ञानिकों ने बताया कि उनकी कोशिकाएं मानव कोशिकाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं.
करने पड़ें आनुवांशिक बदलाव
वैज्ञानिकों ने बताया कि सूअर और मानव कोशिकाओं की जरूरतें अलग-अलग होती हैं. इसलिए हमने सबसे पहले सूअर के भ्रूण के भीतर जेनेटिकल चेंज किया ताकि वह प्रतिस्पर्धा न करे. इसके अलावा मानव की प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल्स में भी चेंज किया गया जिससे यह सूअर की सेल्स के साथ एकीकरण करने में सक्षम हों. इसके बाद इन सेल्स को एक विशेष माध्यम से मानव भ्रूण कोशिकाओं से मिलती जुलती कोशिकाओं में बदला गया और सूअर की कोशिकाओं में ट्रांसफर कर दिया गया.
सामान्य रूप से होता रहा विकास
शोधार्थियों ने पाया कि मानव किडनी का विकास 28 दिन के बाद भी सामान्य रूप से जारी है. शोधकर्ता इसे और लंबे समय तक विकसित किए जाने के पक्ष में हैं. इसके अलावा वे अन्य अंगों के विकास को लेकर भी प्रयोग करना चाह रहे हैं.
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