उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार की रात (17 अगस्त) को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में गहरी श्रद्धा के साथ भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना की. आधी रात के शुभ मुहूर्त में आयोजित इस विशेष पूजा में उन्होंने भक्ति और समर्पण के साथ भगवान का आशीर्वाद मांगा. यह पर्व न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक है, बल्कि उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि को भी दर्शाता है.
न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखनाथ मंदिर, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आध्यात्मिक केंद्र है, इस अवसर पर भक्ति के रंग में रंगा हुआ था. मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया गया था, जिसने रात के समय एक दिव्य वातावरण बनाया. योगी आदित्यनाथ ने पूजा के बाद कहा,"श्री कृष्ण जन्माष्टमी का यह पावन पर्व हमें प्रेम, करुणा और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है,". उन्होंने भगवान कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने और समाज में सौहार्द बनाए रखने का संदेश भी दिया.
भक्ति में डूबा गोरखनाथ मंदिर
#WATCH | गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आधी रात को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/dJSupBYPSB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 16, 2025
आधी रात की पूजा का क्या है महत्व
जन्माष्टमी की आधी रात की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था. योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान श्री कृष्ण का अभिषेक किया और भक्तों के साथ मिलकर भक्ति भजनों में हिस्सा लिया. इस दौरान मंदिर में उपस्थित भक्तों में उत्साह और श्रद्धा का अद्भुत समन्वय देखने को मिला.
उत्तर प्रदेश में जन्माष्टमी का मनाया गया उत्सव
उत्तर प्रदेश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव पूरे जोश के साथ मनाया जाता है. मथुरा, वृंदावन और अन्य शहरों में मंदिरों को सजाया गया, और भक्तों ने भगवान कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति अर्पित की. योगी आदित्यनाथ की यह पूजा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक बनी.