Lashkar commander Qasim Video: लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुरिदके मुख्यालय पर भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर के हमले को लेकर अब संगठन के कमांडर का एक और बड़ा खुलासा सामने आया है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में लश्कर कमांडर कासिम खुले तौर पर स्वीकार करता नजर आया कि मुरिदके स्थित मरकज-ए-तैयबा को भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने 7 मई को हुए हमले में तबाह कर दिया गया. यह वही ऑपरेशन था, जिसमें भारत ने पहलगाम के बैसारन घाटी में 26 पर्यटकों की हत्या करने वाले आतंकी हमले का जवाब दिया था.
वीडियो में कासिम मुरिदके कैंप के खंडहरों के बीच खड़ा होकर कहता है, 'मैं मरकज तैयबा के सामने खड़ा हूं. इसे ऑपरेशन सिंदूर में तबाह कर दिया गया. हम इसे और बड़ा बनाकर फिर से तैयार करेंगे. यहां से बड़े-बड़े नामी मुजाहिदीन ने ट्रेनिंग ली है.' कासिम ने युवाओं से 'दौरा-ए-सुफ्फा' नामक ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने की अपील भी की, जिसमें धार्मिक कट्टरता और युद्धक प्रशिक्षण दोनों शामिल हैं.
यह वीडियो पाकिस्तान सरकार के लगातार किए जा रहे इनकारों की पोल खोलता है और साबित करता है कि पंजाब प्रांत के शेखुपुरा जिले में स्थित लश्कर का मुख्यालय पूरी तरह नष्ट हो गया. एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर ने मुरिदके कैंप को दोबारा खड़ा करने के लिए चंदा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. संगठन बाढ़ राहत के नाम पर फंड जुटा रहा है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ने इसके लिए 4 करोड़ पाकिस्तानी रुपये आवंटित किए हैं, लेकिन पुनर्निर्माण की लागत 15 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है.
🚨 🇵🇰👺 After Jaish commander ilyas kashmiri now Lashkar-e-Taiba Commander Qaasim has torn apart Pakistan’s lies on Muridke terror camps.
— OsintTV 📺 (@OsintTV) September 19, 2025
👉 Standing in front of the demolished Markaz E Taiba camp, which destroyed in #OperationSindoor, he admits that many terrorists… pic.twitter.com/S80p9wLSFy
इस काम की निगरानी वरिष्ठ कमांडर मौलाना अबू जर और यूनुस शाह बुखारी कर रहे हैं और इसे फरवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. अतीत में भी लश्कर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत फंड को आतंकी ढांचे के पुनर्निर्माण में लगाने का आरोप झेल चुका है. 7 मई को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 बड़े आतंकी ठिकानों पर प्रहार किया था.
इनमें जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा के मुरिदके मुख्यालय प्रमुख थे. मुरिदके में वरिष्ठ नेताओं के आवास और कमांडरों के दफ्तरों को सटीक निशाना बनाया गया. भारतीय वायुसेना द्वारा जारी फुटेज में दिखाया गया कि पूरे परिसर को बुरी तरह तबाह कर दिया गया. इस हमले में करीब दर्जनभर टॉप आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई, जिनमें IC-814 हाइजैकर यूसुफ अजहर, मुरिदके प्रमुख अबु जुंदाल और नागरोटा हमले के मास्टरमाइंड का बेटा शामिल थे.