Indian Techie On American Mentality: कैलिफोर्निया में तेलंगाना पुलिस ने 30 वर्षीय भारतीय सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल को गोली मार दी. इसका नाम मोहम्मद निजामुद्दीन था. इस घटना से कुछ दिन पहले ही निजामुद्दीन ने लिंक्डइन पर बताया था कि उन्हें नस्लीय घृणा, गलत व्यवहार और वर्कप्लेस पर गलत तरह के व्यवहार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने यह भी बताया कि उनके खाने में जहर मिलाया गया था. इसके अलावा उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया कि अपना घर छोड़ना पड़ा था.
निजामुद्दीन ने पोस्ट कर बताया कि वो नस्लीय घृणा के शिकार हैं और उन्होंने अमेरिका में चल रही भेदभाव की इस भावना को खत्म करने का प्रण लिया था. उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें कम सैलरी दी जाती थी और नौकरी से निकालने की भी धमकी दी जाती थी.
निजामुद्दीन ने अपनी मौत से पहले उन्होंने लिंक्डइन पर एक मैसेज पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, "बस, बहुत हो गया”. व्हाइट सुपरमैसी और अमेरिका की गलत मानसिकता की आलोचना की. उन्होंने बताया था कि उन्होंने अमेरिकी कंपनी EPAM सिस्टम्स के जरिए Google में काम किया था और उन्हें लगातार दुश्मनी और नस्लीय भेदभाव का सामना करना पड़ा.
उनके अनुसार, कंपनी ने उन्हें सैलरी से कम पैसे देने की भी बात कही थी. साथ ही बताया कि लेबर डिपार्टमेंट के वेतन दिशानिर्देशों के अनुसार उसे सही सैलरी नहीं दिया गया और फिर उसे गलत तरह से नौकरी से निकाल दिया गया. नौकरी छूटने के बाद, निजामुद्दीन को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
उन्होंने कहा कि हालात तब और बिगड़ गए जब उनके खाने में जहर मिला दिया गया और उन्हें उनके घर से निकाल दिया गया. उन्होंने अपने को-वर्कर्स, इम्प्लॉयर और यहां तक कि एक जासूसी टीम पर भी आरोप लगाया. सांता क्लारा पुलिस ने कहा है कि निजामुद्दीन की मौत की जांच अभी जारी है.