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खामेनेई के भतीजे ने की बगावत, ईरान में सत्ता पलट का किया आह्वान

महमूद मोरदखानी ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि जो भी इस शासन को मिटा सके, वह जरूरी है. हम अब उस मोड़ पर पहुंच चुके हैं, जहां इसे अंजाम देना ही होगा.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Khamenei
Courtesy: Social Media

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध अपने दूसरे सप्ताह में पहुंच चुका है. इस बीच ईरान के शासक वर्ग के भीतर से एक अप्रत्याशित बगावती आवाज उभरी है. सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के निर्वासित भतीजे महमूद मोरदखानी ने फ्रांस से एक साक्षात्कार में सनसनीखेज बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वह युद्ध के समर्थक नहीं हैं, लेकिन इस्लामिक गणराज्य का अंत ही मध्य पूर्व में स्थायी शांति का एकमात्र रास्ता है.

फ्रांस में रह रहे 63 वर्षीय महमूद मोरदखानी ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि जो भी इस शासन को मिटा सके, वह जरूरी है. हम अब उस मोड़ पर पहुंच चुके हैं, जहां इसे अंजाम देना ही होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल के साथ सैन्य टकराव दुखद है, लेकिन ऐसी व्यवस्था में यह अपरिहार्य हो जाता है जो न तो समझौता करती है और न ही सुधारों को अपनाती है. मोरदखानी ने कहा, इस्लामिक गणराज्य का अंत न केवल ईरान के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए मुक्ति का क्षण होगा.

खामेनेई के शासन की आलोचना

1986 में ईरान छोड़कर फ्रांस में शरण लेने वाले मोरदखानी अपने चाचा अयातुल्ला अली खामेनेई के शासन के कट्टर आलोचक रहे हैं. उन्होंने खामेनेई की सत्ता को निरंकुश और दमनकारी करार देते हुए कहा कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद बनी व्यवस्था ने ईरानी जनता को केवल दुख और बंधन दिए हैं. मोरदखानी ने दावा किया कि खामेनेई ने हालात पर नियंत्रण खो दिया है और 46 वर्षों से जनता के खिलाफ छेड़े गए युद्ध का अंत अब इस शासन के पतन से ही होगा.

युद्ध का दूसरा सप्ताह

13 जून 2025 को इजरायल द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के साथ यह युद्ध छिड़ा, जिसमें ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया. जवाब में, ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ के तहत तेल अवीव और यरुशलम सहित इजरायली शहरों पर सैकड़ों ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. दोनों देशों में नागरिकों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइली हमलों में अब तक 585 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि इजराइल में भी कई हताहत हुए हैं.