मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है, जब इजरायल ने ईरान की धरती पर हवाई हमले किए और इसके परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए कई शीर्ष सैन्य नेताओं, जिसमें ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख होसैन सलामी शामिल थे, उनको मार गिराया. इस हमले ने दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही छद्म युद्ध को खुले संघर्ष में बदल दिया है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने अपने हमलों को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया, जिसका उद्देश्य ईरान के परमाणु और सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाना था. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, “कुछ क्षण पहले, इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया, जो एक लक्षित सैन्य अभियान है, ताकि ईरान के खतरे को इजरायल के अस्तित्व के लिए खत्म किया जा सके. यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक यह खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता.”
इजरायल की ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’
इस ऑपरेशन का नाम बाइबिल के नंबर 23:24 के एक छंद से लिया गया है: “देखो, लोग एक महान शेर की तरह उठेंगे और एक युवा शेर की तरह स्वयं को ऊंचा करेंगे: वह तब तक नहीं रुकेगा, जब तक वह शिकार को खा न ले और मारे गए लोगों का रक्त न पी ले.” नेतन्याहू ने गुरुवार को यरुशलम की पवित्र पश्चिमी दीवार में एक हस्तलिखित नोट रखा, जिसमें लिखा था, “लोग एक शेर की तरह उठेंगे.”
ईरान के शीर्ष सैन्य नेताओं की हत्या
इजरायली हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शीर्ष कमांडर होसैन सलामी की मौत हो गई. ईरानी राज्य मीडिया ने बताया कि सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बघेरी भी इस हमले में मारे गए. बाद में, इजरायल ने दावा किया कि उसने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल अमीर अली हाजीज़ादेह को भी मार गिराया. इन हत्याओं ने ईरान के सैन्य नेतृत्व को गहरी चोट पहुंचाई है.
ईरान का जवाबी हमला
इजरायल के हमलों से क्रुद्ध ईरान ने यरुशलम की ओर 100 से अधिक ड्रोन लॉन्च किए. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामनेई ने कहा, “यरुशलम को हमारे प्रिय देश के खिलाफ अपराध करने के लिए गंभीर सजा का सामना करना पड़ेगा. इजरायल ने आवासीय केंद्रों पर हमला करके अपनी दुष्ट और रक्तरंजित प्रकृति को पहले से कहीं अधिक उजागर किया.” ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने चेतावनी दी कि उनका देश “इजरायल को उसके मूर्खतापूर्ण कृत्य पर पछतावा करने के लिए मजबूर करेगा.” ईरान की फार्स न्यूज एजेंसी ने सुरक्षा सूत्रों के हवाले से कहा कि तेहरान का बदला “जल्द ही होगा.”
नतांज़ परमाणु सुविधा को नुकसान
ईरान की परमाणु ऊर्जा संगठन ने एक बयान में कहा कि इजरायली हमलों के दौरान नतांज़ परमाणु संवर्धन सुविधा के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचा, लेकिन कोई परमाणु विकिरण या रासायनिक संदूषण नहीं हुआ. संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा कि ईरान की फोर्डो भूमिगत संवर्धन साइट “प्रभावित नहीं हुई.” हालांकि, इजरायल ने दावा किया कि उसने नतांज़ में यूरेनियम संवर्धन सेंट्रीफ्यूज को निशाना बनाया.
वैश्विक प्रतिक्रिया और मध्यस्थता की मांग
विश्व नेताओं ने मध्य पूर्व की तनावपूर्ण स्थिति पर चिंता जताई और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की. अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिका इजरायल के “एकतरफा” हमलों में शामिल नहीं था. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने “पक्षों से अधिकतम संयम बरतने” का आग्रह किया और ईरान की स्थिति का आकलन करने के लिए वहां जाने की तत्परता जताई. जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया और यूके ने भी स्थिति को नियंत्रित करने की मांग की.
ईरान ने नए सैन्य प्रमुख नियुक्त किए
इजरायली हमलों में शीर्ष सैन्य नेतृत्व के खात्मे के कुछ घंटों बाद, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्लाह अली खामनेई ने जनरल अब्दोलरहीम मूसवी को सशस्त्र बलों का नया चीफ ऑफ स्टाफ और मोहम्मद पकपूर को रिवोल्यूशनरी गार्ड्स का नया प्रमुख नियुक्त किया. यह कदम ईरान की सैन्य ताकत को पुनर्गठन करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
हवाई क्षेत्र बंद, उड़ानें रद्द
इजरायली हमलों के बाद इजरायल, ईरान, इराक और जॉर्डन के हवाई क्षेत्र बंद कर दिए गए. कई क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने इन क्षेत्रों से अपनी उड़ानें रद्द कर दीं. फ्लाइटराडार24 के आंकड़ों के अनुसार, एयरलाइंस ने यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा के लिए उड़ानों को डायवर्ट या रद्द किया.
इजरायल का ड्रोन तस्करी का दावा
इजरायली सुरक्षा अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि उनकी मोसाद जासूसी एजेंसी ने शुक्रवार के हवाई हमलों से पहले ईरान में ड्रोन और अन्य हथियार तस्करी किए थे. हालांकि, इस जानकारी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई और इसे स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका. इजरायली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा कि इस ऑपरेशन में लगभग 200 इजरायली लड़ाकू जेट शामिल थे.
भारत की सलाह और सतर्कता
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दोनों देशों से “तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचने” की अपील की. उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के साथ “घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण” संबंध रखता है. भारत ने अपने उन हजारों नागरिकों से भी सतर्क रहने को कहा, जो इजरायल और ईरान में रह रहे हैं.
तेल की कीमतों में उछाल
इजरायल के हमलों और ईरान की जवाबी कार्रवाई ने तेल की कीमतों में तेज उछाल ला दिया. अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड ऑयल $4.97 बढ़कर $72.91 प्रति बैरल हो गया, जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड $4.78 बढ़कर $74.15 प्रति बैरल पहुंच गया. एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स के रिचर्ड जोसविक के अनुसार, तेल की कीमतें अल्पावधि में और बढ़ सकती हैं, जिससे निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है.
इजरायल की और हमलों की चेतावनी
इजरायल के रक्षा मंत्रालय के इसरायल काट्ज़ ने हमलों के तुरंत बाद चेतावनी दी कि सेना “ईरानी परमाणु कार्यक्रम को विफल करने और इजरायल राज्य पर खतरे को हटाने के लिए अपनी गतिविधियां जारी रखेगी.” एक इजरायली अधिकारी ने कहा कि वे “दिनों तक आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं,” जो ईरान की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा.