India Votes in Favour of Iran in UN: भारत ने दुनिया को बता दिया है वैश्विक मंचों पर उसके फैसले उसके हितों के अनुरूप होते हैं. वह अपनी विदेश नीति में किसी भी बाहरी प्रभाव को हावी नहीं होने देता है. इसका हालिया उदाहरण यूएन में दिखा है. भारत ने ईरान में मानवाधिकार की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है. इस प्रस्ताव पर भारत के अलावा रूस और चीन ने भी इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. भारत के इस कदम से अमेरिकी को झटका लगा है.
रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव का 78 सदस्य देशों ने समर्थन किया. वहीं, भारत, रूस, और चीन सहित 30 देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. वहीं यूक्रेन पर आए एक अहम प्रस्ताव पर भारत ने खुद को दूर रखा.
भारत ने यूक्रेन के अस्थायी रूप से कब्जे वाले क्षेत्रों में मानवाधिकारों की स्थिति पर यूएन में हुई वोटिंग से दूरी बनाई. भारत सहित 79 देशों ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. यूएन के 15 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया. यह दोनों ही प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा के पटल पर 19 दिसंबर को रखे गए. जिसमें भारत ने ईरान के पक्ष में वोट किया तो दूसरी ओर यूक्रेन से जुड़े प्रस्ताव पर दूरी बना ली.
संयुक्त राष्ट्र में लाए गए प्रस्ताव में ईरान में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता जताई गई है. यूएन के इस प्रस्ताव में धर्म और आस्था की स्वतंत्रता न होना भी शामिल है. इस प्रस्ताव में कहा गया कि ईरान में आधिकारिक व अनौपचारिक मीडिया के माध्यम से नफरत को भड़काया जा सकता है. यह हिंसा को जन्म दे सकता है.