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India Daily

इमरान खान के बेटे ने लगाया सनसनीखेज आरोप, कहा- उनके जीवित होने का कोई सबूत नहीं

कासिम जो ज़्यादातर पाकिस्तान से बाहर रहते हैं और राजनीति से दूर रहते हैं, ने बताया कि इमरान ख़ान 845 दिन गिरफ़्तार रहे हैं और अब छह हफ़्तों से मौत की सज़ा वाली कोठरी में बंद हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
imran khan
Courtesy: Photo-Social Media

नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के छोटे बेटे कासिम खान ने एक सख्त सार्वजनिक अपील जारी कर सरकार पर अपने पिता को पूरी तरह से अलग-थलग रखने और परिवार की सभी पहुंच बंद करने का आरोप लगाया है. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि परिवार के पास उनके जीवित होने का कोई सबूत नहीं है और चेतावनी दी कि पूर्व नेता की सुरक्षा के लिए अधिकारी ज़िम्मेदार होंगे.

कासिम जो ज़्यादातर पाकिस्तान से बाहर रहते हैं और राजनीति से दूर रहते हैं, ने बताया कि इमरान ख़ान 845 दिन गिरफ़्तार रहे हैं और अब छह हफ़्तों से मौत की सज़ा वाली कोठरी में बंद हैं. उन्होंने लिखा, "मेरे पिता 845 दिनों से गिरफ़्तार हैं. पिछले छह हफ़्तों से उन्हें बिना किसी पारदर्शिता के मौत की कोठरी में एकांत कारावास में रखा गया है."

इमरान खान के मामले में जेल

पूर्व क्रिकेट स्टार और राजनेता इमरान खान को कई मामलों में जेल की सज़ा सुनाई गई है, जिन्हें उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी राजनीति से प्रेरित बताती है. उनके बेटे, कासिम और सुलेमान, अपनी मां जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ ब्रिटेन में पले-बढ़े हैं और पाकिस्तानी राजनीति पर सार्वजनिक रूप से शायद ही कभी टिप्पणी करते हैं. पाकिस्तान सरकार ने एक महीने से ज़्यादा समय से पारिवारिक बैठकों पर अघोषित प्रतिबंध लगा रखा है.

कासिम ने बताया कि अदालती आदेशों के बावजूद उन्हें बुनियादी अधिकार भी नहीं दिए गए. उन्होंने लिखा, "उनकी बहनों को हर बार मिलने नहीं दिया गया. न फ़ोन किया गया, न मुलाक़ात हुई और न ही उनके जीवित होने का कोई सबूत मिला." उन्होंने आगे कहा, "मेरा और मेरे भाई का अपने पिता से कोई संपर्क नहीं हो पाया है."

कासिम ने इस सूचना को जानबूझकर ब्लैकआउट करने का आरोप पाकिस्तान सरकार पर लगाया. उन्होंने कहा, "यह पूरी तरह से ब्लैकआउट कोई सुरक्षा प्रोटोकॉल नहीं है. यह उनकी स्थिति को छिपाने और हमारे परिवार को यह जानने से रोकने की एक जानबूझकर की गई कोशिश है कि वह सुरक्षित हैं या नहीं." उन्होंने चेतावनी दी कि "पाकिस्तानी सरकार और उसके संचालकों को मेरे पिता की सुरक्षा और इस अमानवीय अलगाव के हर परिणाम के लिए कानूनी, नैतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी तरह से जवाबदेह ठहराया जाएगा."

पीटीआई ने इमरान खान के जिंदा होने का प्रमाण मांगा

सरकार के आश्वासनों के बावजूद, पीटीआई ने आधिकारिक प्रतिक्रिया और परिवार से तत्काल संपर्क की मांग की है. पार्टी का कहना है कि इस अनिश्चितता ने ऑनलाइन अफवाहों को हवा दी है, जिनमें यह दावा भी शामिल है कि इमरान खान की जेल के अंदर हत्या कर दी गई है - प्रशासन के अनुसार ये अफवाहें पूरी तरह से झूठी हैं. बुधवार को अदियाला जेल के बाहर तनाव बढ़ गया जब इमरान की तीन बहनों और पीटीआई कार्यकर्ताओं ने उनसे मिलने की मांग को लेकर धरना दिया. बाद में हज़ारों समर्थक इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए, जबकि आरोप है कि पुलिस ने पिछले प्रदर्शन के दौरान बहनों और पार्टी सदस्यों पर हमला किया था.