नई दिल्ली: बांग्लादेश के चर्चित उस्मान हादी हत्याकांड में बड़ा मोड़ सामने आया है. इस मामले के मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद ने दावा किया है कि वह भारत नहीं बल्कि दुबई में मौजूद है और हत्या में उसकी कोई भूमिका नहीं है. मसूद ने एक वीडियो बयान जारी कर खुद को और अपने परिवार को राजनीतिक साजिश का शिकार बताया है. उसने कहा कि उस पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं और वह खुद को बचाने के लिए दुबई गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फैसल करीम मसूद के दुबई में होने से जुड़े दस्तावेज और वीडियो सामने आए हैं. इन दस्तावेजों से पुष्टि होती है कि मसूद के पास यूएई का पांच साल का मल्टीपल एंट्री वीजा है और वह लंबे समय के टूरिस्ट वीजा पर वहां रह रहा है. यह वीजा दिसंबर 2022 में जारी किया गया था. इससे पहले बांग्लादेशी मीडिया में दावा किया जा रहा था कि मसूद भारत भाग गया है.
फैसल करीम मसूद ने अपने बयान में जमात ए इस्लामी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने कहा कि उस्मान हादी खुद जमात से जुड़ा हुआ था और संभव है कि इसी संगठन से जुड़े लोगों ने हत्या की साजिश रची हो. मसूद ने कहा कि जमाती तत्वों की भूमिका की जांच होनी चाहिए. इस बयान के बाद बांग्लादेश की राजनीति में तनाव और बढ़ सकता है.
इससे पहले ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त एसएन मोहम्मद नज रुल इस्लाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि फैसल करीम मसूद और एक अन्य आरोपी आलमगीर शेख भारत के मेघालय में दाखिल हुए हैं. उन्होंने दावा किया था कि दोनों हुलुआघाट बॉर्डर के जरिए भारत पहुंचे. अब मसूद के दुबई में होने के सबूत सामने आने से जांच एजेंसियों पर सवाल खड़े हो गए हैं.
मसूद ने यह भी स्वीकार किया कि उसके उस्मान हादी से पेशेवर और राजनीतिक संबंध थे. उसने कहा कि वह एक आईटी कंपनी का मालिक है और व्यापारिक कारणों से हादी से मिलता था. मसूद के अनुसार उसने हादी को राजनीतिक चंदा भी दिया था और बदले में सरकारी कॉन्ट्रैक्ट दिलाने का आश्वासन मिला था.