नई दिल्ली : पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की बेटी महनूर की शादी 26 दिसंबर को उनके पहले चचेरे भाई अब्दुल रहमान से हो गई है. शादी रावलपिंडी में पाकिस्तान सेना मुख्यालय में हुई जो कि एक मैरिज हॉल बन गया. इस शादी में देश के शीर्ष राजनीतिक नेताओं और सैन्य हस्तियों ने हिस्सा लिया.
हालांकि, समारोह को गोपनीय रखा गया था और कोई भी तस्वीर जारी नहीं की गई. बता दें कि शादी में 400 मेहमान थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे सादा रखा गया था.
शादी में पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, उप प्रधानमंत्री इशाक डार, ISI प्रमुख और पाकिस्तानी सेना के अन्य सदस्य, जैसे रिटायर्ड जनरल और पूर्व प्रमुख शामिल हुए. अब्दुल रहमान, आसिम मुनीर के भतीजे ने भी पाकिस्तानी सेना में कैप्टन के पद पर काम किया और बाद में सेना अधिकारियों के लिए आरक्षित कोटे के माध्यम से सिविल सेवाओं में शामिल हो गए और वर्तमान में सहायक आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं. मुनीर की चार बेटियां हैं और यह उनकी तीसरी बेटी की शादी थी.
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद की सेना के नेतृत्व वाली रणनीति पाकिस्तान की सीमाओं को सुरक्षित करने, अपने नागरिकों की रक्षा करने और विदेशों में सद्भावना पैदा करने में विफल रही है. इसके बजाय इसने बड़े पैमाने पर दुख, मानवीय संकट और पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलाई है. वहीं कई रिपोर्ट का कहना है कि मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान के "धार्मिक उग्रवाद" की ओर बढ़ने के कारण दुनिया का सब्र खत्म होता जा रहा है.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रहा संघर्ष सिर्फ़ दो पड़ोसियों के बीच टकराव नहीं है. यह पाकिस्तान की सेना द्वारा चलाई गई कूटनीति का नतीजा है जो ईमानदार बातचीत के बजाय संकट, बल और राष्ट्रीय सुरक्षा की दिखावे पर आधारित है.
काबुल में तालिबान के सत्ता संभालने के चार साल बाद वही पाकिस्तानी सेना और खुफिया नेटवर्क जिन्होंने कभी उनका स्वागत किया था, अब तालिबान पर सीमा पार हिंसा का आरोप लगा रहे हैं. अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान से बाहर निकाल रहे हैं और अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले और गोलाबारी कर रहे हैं.